संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद यानी UNHRC में शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की बहस की मांग उठी थी। कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आईलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, यूके और अमेरिका की तरफ से प्रस्ताव लाया गया था
कांग्रेस के पहले दिन जिनपिंग ने जीरो कोविड पॉलिसी, ताइनवा, हांगकांग मुद्दा और दुनिया के साथ चीन के संबंध जैसे कई मुद्दे उठाए। खास बात है कि अपने भाषण में उन्होंने जातीय समूहों की एकता के बारे में बात की, लेकिन कहीं भी शिनजियांग का जिक्र नहीं किया। यहां चीन पर उइगर और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ क्रूरता की खबरें आती रही हैं। हालांकि, चीन तमाम आरोपों से इनकार करता है।
जब UN में उठा मुद्दा
बीते सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद यानी UNHRC में शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की बहस की मांग उठी थी। कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आईलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, यूके और अमेरिका की तरफ से प्रस्ताव लाया गया था। हालांकि, कई देशों ने इसके खिलाफ मत दिया था और भारत इससे दूर रहा था।
UNHRC के 19 सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध किया। भारत के अलावा मलेशिया और यूक्रेन जैसे 11 सदस्य देश मतदान से दूर रहे थे। खास बात है कि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें शिनजियांग क्षेत्र में मानवाधिकार की धज्जियां उड़ने की बात सामने आई थी। खबरें थी कि चीन ने इस रिपोर्ट का विरोध किया था।
तीसरी बार कमान संभाल सकते हैं जिनपिंग
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इस कार्यक्रम में जिनपिंग को लगातार तीसरी बार देश की कमान सौंपी जा सकती है। भाषा के अनुसार, तीसरे कार्यकाल की मंजूरी मिलने के साथ ही शीर्ष नेताओं के 10 साल के कार्यकाल के बाद इस्तीफा देने का तीन दशकों से अधिक समय तक चला आ रहा नियम टूट जाएगा। शी (69) के अलावा चीनी नेतृत्व में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले प्रधानमंत्री ली क्विंग समेत सभी शीर्ष अधिकारियों को इस सप्ताह के दौरान व्यापक फेरबदल में हटा दिया जाएगा।