एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, पुतिन ने कहा, “भारत और चीन ने यूक्रेन में शांतिपूर्ण बातचीत का समर्थन किया है।” हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन वार्ता के लिए तैयार नहीं था
यूक्रेन युद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों विस्थापित हुए हैं। लेकिन रूस का कहना है कि उसे इस पर कोई पछतावा नहीं है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें यूक्रेन युद्ध का कोई पछतावा नहीं है क्योंकि उनका देश जो कर रहा है वो “सही” है। इस दौरान उन्होंने भारत का भी जिक्र किया है। गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के शुरू होने से पहले ही भारत कहता आ रहा है कि इस मसले का हल शांतिपूर्ण बातचीत से होना चाहिए। हालांकि भारत के प्रस्ताव पर रूस टालमटोल करता रहा लेकिन शुक्रवार को पहली बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कबूल किया कि भारत शुरुआत से ही शांतिपूर्ण बातचीत के पक्ष में है। पुतिन ने भारत के साथ चीन का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश शांतिपूर्ण बातचीत के पक्ष में हैं। पुतिन की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब करीब एक महीने पहले पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान में एक शिखर सम्मेलन में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ‘यह युग युद्ध का नहीं है।’
कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, पुतिन ने कहा, “भारत और चीन ने यूक्रेन में शांतिपूर्ण बातचीत का समर्थन किया है।” हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन वार्ता के लिए तैयार नहीं था। बता दें कि उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में पिछले महीने हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से इतर पीएम मोदी ने पुतिन के साथ सीधी वार्ता की थी। इस दौरान पीएम ने कहा था कि ‘हम सब जानते हैं कि यह युग युद्ध का नहीं है और किसी भी मसले का हल बातचीत के जरिए निकाला जाना चाहिए।’ चीन ने भी यूक्रेन में शांतिपूर्ण बातचीत का आह्वान किया था।
‘अभी के लिए’ कोई सामूहिक हमले की योजना नहीं है: पुतिन
प्रेस वार्ता में पुतिन ने कहा कि उन्हें यूक्रेन पर आठ महीने लंबे युद्ध को लेकर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस का उद्देश्य अपने पड़ोसी को “नष्ट” करना नहीं है। पत्रकारों से बात करते हुए पुतिन ने यह भी कहा कि नाटो सैनिकों के साथ सीधा संघर्ष विनाशकारी होगा। पुतिन ने कहा, “अभी के लिए, यूक्रेन पर किसी और बड़े हमले की योजना नहीं है।” पुतिन से जब पूछा गया कि क्या उन्हें यूक्रेन में संघर्ष को लेकर खेद है या रूस जो कर रहा है वो सही ? इस पर उन्होंने कहा, “नहीं।” उन्होंने कहा कि उन्हें यूक्रेन में संघर्ष के बारे में कोई पछतावा नहीं है जिसमें हजारों लोग मारे गए, कई शहर नष्ट हुए और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
पुतिन ने कहा, “आज जो हो रहा है वह सुखद नहीं है। लेकिन फिर भी, (अगर रूस ने फरवरी में हमला नहीं किया होता) तो हम एक ही स्थिति में होते, जिससे केवल हमारे लिए ही हालात बदतर होते। इसलिए हम सब कुछ ठीक कर रहे हैं।” व्लादिमीर पुतिन ने आगे की योजना की ओर इशारा करते हुए यह भी कहा है कि सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों की सेना में तैनाती संबंधी उनके फैसले पर दो सप्ताह में पूरी तरह अमल किया जाएगा। पुतिन की टिप्पणी से पहले जर्मन रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेच ने कहा था कि नाटो के सहयोगियों को यूक्रेन के समर्थन के साथ आगे बढ़ना चाहिए और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की रूस की धमकियों को गंभीरता से लेना चाहिए।
प्रशिक्षित नागरिकों की सैन्य तैनाती के फैसले पर दो सप्ताह में पूरी तरह अमल किया जाएगा: पुतिन
पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन में उनके बलों को मजबूती देने के लिए सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों की सेना में तैनाती संबंधी उनके फैसले पर दो सप्ताह में पूरी तरह अमल किया जाएगा। पुतिन ने पिछले महीने यह आदेश दिया था। कजाखिस्तान में एक सम्मेलन में शामिल होने के बाद पुतिन ने संवाददाताओं से कहा कि 2,22,000 से 3,00,000 सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों की सेना में तैनाती संबंधी आदेश पर अमल शुरू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इनमें से 33,000 पहले ही सैन्य इकाइयों में शामिल हो चुके हैं जबकि 16,000 यूक्रेन में जारी सैन्य अभियान का हिस्सा बन चुके हैं।
पुतिन द्वारा सितंबर में जारी इस आदेश के तहत 65 वर्ष से कम आयु के लगभग सभी पुरुष सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त नागरिकों के रूप में पंजीकृत हैं। इस फैसले पर आम जनता में नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। राष्ट्रपति के इस आदेश के बाद हजारों लोग रूस छोड़कर पड़ोसी देशों में पलायन करने लगे थे। पुतिन ने शुक्रवार को यह भी कहा कि रूस द्वारा सोमवार को यूक्रेन के खिलाफ किए गए व्यापक हमलों की फिलहाल कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि रूसी सेना पहले से चुने गए लक्ष्यों पर चुनिंदा हमले कर रही है।