मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने के बावजूद सैमसन को मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड नहीं देकर क्लासेन को दे दिया गया। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने इस पर सवाल उठाए हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम को लखनऊ में खेले गए पहले वनडे मुकाबले में 9 रन से हार का सामना करना पड़ा। 40-40 ओवरों के इस मैच में साउथ अफ्रीका ने 4 विकेट पर 249 रन का स्कोर बनाया था और इसके जवाब में भारतीय टीम 8 विकेट पर 240 रन ही बना सकी। मेजबान टीम के लिए संजू सैमसन ने 63 गेंदों पर 86 रन की नाबाद पारी खेली। हालांकि इसके बावजूद वह टीम को जीत नहीं दिला सके। वहीं, दक्षिण अफ्रीका के लिए हेनरिक क्लासेन ने नाबाद 74 और डेविड मिलर ने नाबाद 75 रन की पारी खेली। मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने के बावजूद सैमसन को मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड नहीं देकर क्लासेन को दे दिया गया। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने इस पर सवाल उठाए हैं और पूछा है कि आखिर कौन ये फैसला है करता है कि किस खिलाड़ी को ये अवॉर्ड मिलना चाहिए।
चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे टी20 मैच का उदाहरण दिया, जिसमें भारत ने तीन विकेट पर 237 रन का स्कोर बनाया। इसके जवाब में अफीकी टीम तीन विकेट पर 221 रन ही बना सकी। इस मुकाबले में केएल राहुल को मैन ऑफ द मैच दिया गया जबकि राहुल ने केवल 57 रन ही बनाए थे और सूर्यकुमार यादव ने 61 रन की पारी खेली थी। इसके बाद दूसरे वनडे मैच में क्लासेन को मैन ऑफ द मैच चुने जाने पर आकाश ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि मैन ऑफ द मैच का फैसला कौन करता है और इसका फैसला कैसे करता है? आकाश ने कहा, ” मैदान पर कमेंटेटर के दो क्रू होते हैं और इनमें एक हिंदी और एक इंग्लिश का। इसके अलावा सुबह ही यह तय कर लिया जाता है कि आज मैन ऑफ द मैच के विजेता का फैसला कौन करेगा? उनके पास ही एकाधिकार होता है को वो किसे मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड देना चाहता है।”
पूर्व क्रिकेटर ने कहा,” मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड के लिए खिलाड़ी का चयन करते समस सामूहिक निर्णय नहीं लिया जाता है। संजू सैमसन की 86 रन की पारी थी। लेकिन क्लासेन को मैन ऑफ द मैच दे दिया गया। क्या क्लासेन की पारी बेस्ट थी या फिर मिलर की पारी बेस्ट थी।”