छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने राजस्थान के CM अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने विधायकों को नहीं संभाल सकता है, वह देश में कांग्रेस को कैसे संभालेगा।

कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष की तलाश के साथ सियासी चर्चाएं भी जोरों पर है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाए जाने और उसके बाद राजस्थान में उठे राजनीतिक बवंडर ने पार्टी के अंदर ही आलोचनाएं शुरू करा दी है। विधायकों को बगावत के बीच उन्होंने हाथ खड़े कर दिए थे। पार्टी के अंदर से ही उनके ऊपर प्रहार शुरू हो गया है। अब यह कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत अध्यक्ष पद के साथ मुख्यमंत्री पद से बाहर हो जाएंगे। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने विधायकों को नहीं संभाल सकता है, वह देश में कांग्रेस को कैसे संभालेगा।

टीएस सिंहदेव ने कहा है कि अगर उनके राज्य के विधायक उनकी नहीं सुनते हैं तो पार्टी के नेता कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी बात कैसे मानेंगे? उनके समर्थक विधायकों द्वारा कांग्रेस पार्टी की तरफ से बुलाई गई बैठक के समानांतर बैठक की है। इस पर उनका कहना कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। सिंहदेव ने कहा कि हम इस बात से निराश हैं कि आलाकमान के साथ पार्टी के प्रोटोकॉल और अनुशासन का उल्लंघन किया गया। विधायकों का व्यवहार स्वीकार्य नहीं था। पार्टी अध्यक्ष के लिए सबसे आगे माने जाने वाले व्यक्ति को विधायकों को अनुशासित करना चाहिए था।

राजस्थान में कांग्रेसी विधायकों का आचरण गलत 
टीएस सिंहदेव ने राजस्थान के घटनाक्रम पर निराशा और दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक प्रक्रिया होती है, जिसे विधायकों ने तोड़ा है। कुछ लोग कंडिशनल प्रस्ताव पारित करने पर जोर दे रहे हैं। सिंहदेव ने कहा कि गहलोत जी मेरे से वरिष्ठ हैं। मुझे निराशा हुई कि वो वहां मुख्यमंत्री हैं और उनकी कैबिनेट के साथी और विधायक उनके खिलाफ इस तरह का आचरण कर रहे हैं। अशोक गहलोत का उन पर कोई नियंत्रण ही नहीं है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की रेस में थे टीएस सिंहदेव
बता दें कि टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। वह प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में वह भी थे। कहा जाता है कि आलाकमान में ढाई-ढाई साल फार्मूला दिया था। ढाई साल पूरे होने पर टीएस सिंहदेव ने अपनी दावेदारी पेश की थी। हालांकि उनके हाथ कुछ नहीं लगा। इसे लेकर छत्तीसगढ़ में खूब सियासी बखेड़ा खड़ा हुआ हुआ था। भूपेश बघेल समर्थक विधायक दिल्ली पहुंच गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *