कुत्ता पालना और महंगा हो गया है। ब्रीडिंग सेंटर, क्लीनिक लाइसेंस के दायरे में आ गया है। इसके लिए शौकीनों को ज्यादा कीमत चुकानी होगी।

कुत्ता पालना अब और महंगा हो गया है। नगर निगम कार्यकारिणी ने कुत्ता पालने के लाइसेंस फीस में वृद्धि कर दी है। पहली बार ब्रीडिंग सेंटर और क्लीनिक लाइसेंस के दायरे में आ गए हैं। पालतू पशुओं का उपचार करने वाले अस्पतालों को अब नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा। इसी तरह वेटनरी डायग्नोस्टिक लैब के लिए भी लाइसेंस लेना होगा। कुत्तों की पोशाक, बेल्ट, खाद्य सामग्री बेचने वाले स्टोर संचालकों को भी लाइसेंस लेना होगा।

हिन्दुस्तान ने कुत्ता काटने की बढ़ रही घटनाओं के बाद अभियान चलाया था। नगर निगम कार्यकारिणी ने इसे संज्ञान में लेते हुए रविवार को शुल्क लगाकर अंकुश लगाने की कोशिश की। कुत्तों के ब्रीडिंग सेंटर पर अंकुश लगाते हुए लाइसेंस शुल्क लगा दिया है। अभी यह सब मुफ्त था।

विदेशी कत्ते का लाइसेंस शुल्क 1000, देशी का 500 हुआ
देशी विदेशी कुत्ता पालने वालों को अब दो गुना से ज्यादा शुल्क देना होगा। अभी देशी कुत्ते का लाइसेंस शुल्क सालाना 200, विदेशी छोटे नश्ल के छोटे कुत्ते का शुल्क 300 तथा विदेशी बड़े कुत्ते का सालाना लाइसेंस शुल्क 500 रुपए था। अब देशी का पांच सौ रुपए तथा विदेशी नश्ल के सभी छोटे बड़े कुत्तों का लाइसेंस शुल्क एक हजार रुपए सालाना कर दिया गया है।

पेट्स क्लीनिक पालतु पशु के उपचार हेतु                                      5000
पेट्स ब्रीडिंग सेंटर अधिकतम तीन ब्रीड हेतु                                    10000
पेट्स ब्रीडिंग सेंटर अधिकतम पांच ब्रीड हेतु                                     15000
पेट शाप, पेट स्टोर                                                                      10000
वेटनरी डायग्नोस्टिक लैब, क्लीनिक, पेट स्टोर                                    10000
वेटनरी डायग्नोस्टिक लैब, क्लीनिक, पेट स्टोर एक साथ होने पर             20000

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