यूपी में दो दिनों से हो रही बारिश ने लखनऊ में जमकर तबाही मचाई है। बारिश के बाद अब नदियों से सटे इलाकों में भी तबाही का मंजर मंडराने लगा है।
यूपी में दो दिनों से हो रही बारिश ने लखनऊ में जमकर तबाही मचाई है। बारिश के बाद अब नदियों से सटे इलाकों में भी तबाही का मंजर मंडराने लगा है। पिछले कई दिनों से नेपाल के ऊंचाई वाले पहाड़ों पर हुई झमाझम बारिश से भारतीय क्षेत्र में स्थित राप्ती नदी का जलस्तर ख़तरे के निशान को पार करता हुआ 90 सेंमी तक ऊपर पहुंच गया। इसके कारण नदी में भीषण बाढ़ आ गई और दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर गए।
पिछले चार दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश होने से राप्ती नदी में बाढ़ आ गई है। शुक्रवार आधी रात से राप्ती नदी का जलस्तर ख़तरे के निशान 127.70 के ऊपर पहुंच गया। इसके बाद लगातार बढ़ता रहा और शनिवार सुबह पांच बजे जलस्तर ख़तरे के निशान से 55 सेंमी ऊपर पहुंच कर स्थिर हो गया। लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही जलस्तर फिर से बढ़ने लगा। शाम होते होते जलस्तर खतरे के निशान से 90 सेंमी ऊपर पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने के साथ ही राप्ती नदी में भीषण बाढ़ आ गई।
इन गांवों में बाढ़ का असर, गांव पानी से घिरे
राप्ती में आई बाढ़ से बेलरी, गंगाभागड़, गजोबरी, भरथा, हसनापुर, वीरपुर लौकिहा, अशरफनगर, पिपरहवा, जोगिया, सलारुपुरवा, सर्रा, लक्ष्मणपुर सेमरहनिया, उत्तमापुर, मुराउनपुरवा, घाटेपुरवा सहित करीब दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। कुछ गांवों में पानी घुसने लगा। वहीं कलकलवा मार्जिनल बांध व भारत नेपाल सरहद के बीच बने रामपुर पाझा, गनेशपुर पाझा, घुमना, घुमनी सहित अन्य पाझा पर रहकर खेती किसानी करने वाले किसान निजी नाव से ककरदरी घाट से तटबंध पर वापस पहुंचे।
इस तरह से बढ़ता रहा जलस्तर
खतरे का निशान 127.70 सेंटीमीटर
शनिवार सुबह पांच बजे 28.25 खतरे के निशान से 55 सेंमी ऊपर
- 10 बजे-128.50 खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर
- 11 बजे-128.50 खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर
- 12 बजे-128.50 खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर
- 1 बजे- 128.60 खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर
- 2 बजे – 128.60 खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर
- 3 बजे- 128.60 खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर
- 4 बजे से छह बजे तक 128.60 खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर
प्रशासनिक अमला रहा मुस्तैद
राप्ती नदी में लगातार बढ़ रहे जल स्तर को देखते हुए एसडीएम जमुनहा सौरभ शुक्ला ने राप्ती बैराज पहुंच कर बढ़ रहें जलस्तर की जानकारी ली। इस दौरान सिंचाई विभाग सरयू नहर खण्ड 6 के जूनियर इंजीनियर मानवेन्द्र अन्य कर्मचारियों के साथ राप्ती बैराज पर मुस्तैद रहे। वहीं प्रभावित गांवों में क्षेत्रीय लेखपालों को लगाया गया है। जो बाढ़ की जानकारी प्रशासन तक पहुंचा रहे हैं। एसडीएम जमुनहा सौरभ शुक्ला ने बताया कि सभी बाढ़ चौकियां अलर्ट की स्थिति पर है। ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाये इसका ध्यान रखा जा रहा है।