कानपुर से लखनऊ की ओर जा रहे सैकड़ों यात्रियों में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन (ओएचई) टूटकर ट्रेन के ऊपर जा गिरी। करंट की अफवाह फैलते ही यात्री ट्रेन से नीचे कूद पड़े।

कानपुर से लखनऊ की ओर जा रहे सैकड़ों यात्रियों में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन (ओएचई) टूटकर ट्रेन के ऊपर जा गिरी। करंट की अफवाह फैलते ही यात्री ट्रेन से नीचे कूद पड़े। जीआरपी और आरपीएफ जवानों ने किसी तरह भीड़ को समझाकर हालात पर काबू पाया। इस चक्कर में स्वर्ण शताब्दी सहित एक दर्जन ट्रेनें जहां की तहां फंस गईं। लगभग एक घंटे बाद संचालन बहाल हो सका। रेलवे ने जांच के आदेश दिए हैं।

सुबह 11.16 बजे झांसी इंटरसिटी सेंट्रल के प्लेटफॉर्म नंबर छह से लखनऊ के लिए चली। एक मिनट बाद लखनऊ फाटक से पहले अचानक ट्रेन का पेंटो ओएचई में फंस गया। तार टूटकर ट्रेन के ऊपर गिरा। स्पार्किंग हुई और बिजली सप्लाई ठप होते ही तेज झटके के साथ ट्रेन वहीं पर खड़ी हो गई। क्रॉसिंग के पास खड़े कुछ लोगों ने चिल्ला दिया कि तारों में करंट है और टूटकर कोचों पर गिर गए हैं। फिर क्या था, दहशत में बीच यात्री डिब्बों से नीचे कूदने लगे।

ओएचई लाइन ठीक करने औऱ दूसरा पेंटो लगाने में पौन घंटे से ज्यादा लगे। कड़ी मशक्कत के बीच दोपहर 12.08 बजे ट्रेन संचालन बहाल कराया गया। मौके पर पहुंचे इंजीनियर और बिजली कर्मचारी पेंटो को फिट करने लगे तो सुरक्षा के मद्देनजर इंजीनियरों ने इंजन के पहियों में लकड़ी के गिट्टी लगा रखे थे ताकि ट्रेन आगे-पीछे न हो जाए।

बच्चों को लेकर भागे

जैसे ही अफवाह फैली कि जो लाइन टूटकर गिरी है उसमें 25000 वोल्ट का करंट दौड़ रहा है। यह आवाज कोचों में सवार यात्रियों के कानों तक जैसे ही पहुंची तो दहशतजदा भीड़ बच्चों को लेकर ट्रेन से कूदने लगी। कई तो सामान छोड़कर इधर-उधर भागने से लगे। यात्रियों ने बताया कि कुछ देर के लिए दिल बैठ गया। आरपीफ जवानों ने जब सांत्वना दी तो राहत मिली।

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