सत्र के पहले ही दिन पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव, विधायक जीतू पटवारी, लाखन यादव, पीसी शर्मा व अन्य लहसुन की बोरियां लेकर पहुंच गए। कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा के गेट पर लहसुन को फैलाकर प्रदर्शन किया।
मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज यानी मंगलवार से शुरू हो गया है और 17 सितंबर तक चलेगा। जिसमें कुल पांच बैठकें होंगी। लेकिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर कांग्रेसियों ने लहसुन फेंक दिया। कांग्रेस विधायक बोरों में भरकर लहसुन लाए थे। सरकार से किसानों का लहसुन खरीदने की मांग की गई।
बता दें कि विधानसभा में देश की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी गई। और साथ ही सदन में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को बधाई दी गई। जिसके बाद सदन में निधन का उल्लेख किया गया और विधानसभा में लोगों को श्रधांजलि दी गई। कुछ देर चली विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
दरअसल प्रदेश में लहसुन किसानों का हाल बदतर है। लागत मूल्य तो दूर वे अपना ट्रांसपोर्ट का खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं। और अब स्थिति ये हो गई है कि कड़ी मेहनत से उपजाई फसल को अब किसान नष्ट करने पर मजबूर हो गए हैं। इसी क्रम में मंगलवार को कांग्रेस ने लहसुन किसानों के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया।
मंगलवार से विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरूआत हुई है। सत्र के पहले ही दिन पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव, विधायक जीतू पटवारी, लाखन यादव, पीसी शर्मा व अन्य लहसुन की बोरियां लेकर पहुंच गए। कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा के गेट क्रमांक तीन पर लहसुन को फैलाकर देर तक विरोध-प्रदर्शन किया।
वहीं इसे लेकर पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा कि भाजपा के पास विधायकों को खरीदने के पैसे हैं। लेकिन लहसुन किसानों का उपज नहीं खरीद पा रही है। किसान परेशान हैं, लगातार कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। लेकिन विधायकों को खरीदने वाली सरकार को किसानों की बिल्कुल भी परवाह नहीं है।
जानकारी के अनुसार अच्छी उपज होने के बावजूद प्रदेश के किसानों की परेशानियां खत्म नहीं हो रही है। यहां की मंडियों में लहसुन और प्याज का रेट लागत मूल्य से काफी कम मिल रहा है। सबसे बड़े उत्पादक रतलाम, मंदसौर, नीमच, इंदौर की मंडियों में थोक में लहसुन 45 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो खरीदा जा रहा है। मंडी में लहसुन बेचने पर लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहे हैं।