Diseases Related To Snoring: खर्राटे एक कॉमन प्रॉब्लम है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति कोजाना खर्राटे ले रहा है तो ये गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। तेज खर्राटे कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं।

खर्राटे (Snoring) एक कॉमन प्रॉब्लम है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, खर्राटे लेते हैं। हालांकि, बड़े लोगों में ये समस्या काफी कॉमन है। ज्यादातर लोग इसे एक गंदी आदत के रूप में ही देखते हैं। हालांकि, इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। रोजाना खर्राटे लेना आपके लिए अनहेल्दी हो सकता है। लगभग हर कोई कभी न कभी खर्राटे लेता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक पुरानी समस्या हो सकती है। यहां जानिए खर्राटों से जुड़ी कुछ बातें जो आपको पता होनी चाहिए।

क्या है खर्राटे आने का कारण?

खर्राटे टिशू के वाइब्रेशन और कंपन के कारण होते हैं। नींद के दौरान, मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, ऐसे में ये वायुमार्ग को संकुचित कर देती हैं, और जब हम सांस लेते और छोड़ते हैं, तो हवा के कारण टिशू फड़फड़ाते हैं और फिर अवाज आती है। कुछ लोगों के गले में मांसपेशियों और टिशू के आकार के कारण खर्राटे आने की संभावना ज्यादा होती है।

वहीं दूसरे मामलों में, टिशू के ज्यादा आराम या एयरवे के संकुचन से खर्राटे आ सकते हैं।  इसके अलावा मोटापा, शराब पीना, सेडेटिव दवाओं का इस्तेमाल, नेजल कंजेशन, बड़े टॉन्सिल, जीभ या नरम तालू, जबड़ा जो छोटा या सेट-बैक होना, प्रेग्नेंसी के कारण खर्राटे आ सकते हैं।

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