उत्तर प्रदेश में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब सिमुलेटर ड्राइविंग टेस्ट (Simulator Driving Test) देना होगा। इस टेस्ट में सॉफ्टवेयर से जुड़ी इस मशीन पर बैठकर ड्राइविंग टेस्ट देना होता है।

योगी सरकार ने यूपी में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए कमर कस ली है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की अहम बैठक में 16 प्रस्तावों को पास किया गया जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा नया नियम भी शामिल है। इस बैठक में फैसला किया गया कि  यूपी में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सिमुलेटर टेस्ट देना होगा।

क्या होता है सिमुलेटर ड्राइविंग टेस्ट?

सिमुलेटर ड्राइविंग टेस्ट एक मशीन से जुड़ा सॉफ्टवेयर है। इस टेस्ट के दौरान आपको ये अहसास होगा कि आप कोई चौपहिया वाहन चला रहे हैं। इसमें आपको स्टेयरिंग, सेफ्टी बेल्ट, वाइपर, डिपर, क्लच, एक्सिलेटर, ब्रेक सहित गाड़ी में मौजूद सारे फीचर्स मिलेंगे। इस मशीन पर बैठकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप सच में गाड़ी चला रहे हैं। ये मशीन एक छोटे से कमरे में लगाया जा सकता है। पीपीपी मॉडल के तहत इस व्यवस्था को हर जिले में स्थापित किया जाएगा।

परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए सिमुलेटर ड्राइविंग टेस्ट का प्रावधान इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कई लोग बिना सड़क और यातायात नियमों का पालन कर ड्राइविंग लाइसेंस तो बनवा लेते हैं लेकिन उन्हें ठीक से गाड़ी चलानी नहीं आती। इस तरह वो अपनी तो जान खतरे में डालते ही हैं, बल्कि दूसरों की जान भी खतरे में डालते हैं।

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