अमेरिका में हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव ने उस संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसमें भारत को काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट यानी CAATSA के तहत प्रतिबंधों से जुलाई में छूट दी गई थी।

CAATSA से भारत को मिली छूट को लेकर रूस ने अमेरिका पर सवाल उठा दिए हैं। रूस का कहना है कि भारत के लिए किए गए इस फैसले ने अमेरिका की कमजोरी जाहिर कर दी है। खास बात है कि पश्चिम के कड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के हथियार निर्यात मामले में भुगतान खासे प्रभावित हो रहे हैं। रूस ने इन प्रतिबंधों पर भी सवालिया निशान लगाए हैं।

रूस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि S400 खरीद के लिए भारत को प्रतिबंधों से राहत देना अमेरिका की कमजोरी को दिखाता है। अमेरिका में हाउस ऑफ रेप्रेजेंटेटिव ने उस संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसमें भारत को काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट यानी CAATSA के तहत प्रतिबंधों से जुलाई में छूट दी गई थी।

रूस के फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कॉपरेशन (FSMTC) के प्रमुख दिमित्री सुगाएव ने कहा, ‘भारत और रूस के बीच S400 की सप्लाई के लिए हुए कॉन्ट्रैक्ट को अमेरिका ने रूसी हथियारों के के खिलाफ लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन बताया था। अमेरिकी पक्ष ने किस वजह से अपना फैसला बदला? मुझे नहीं पता, लेकिन संभावनाएं हैं कि इसकी वजह उनकी कमजोरी है।’

इसी सिस्टम को लेकर तुर्की पर प्रतिबंध लगाए गए थे। रूसी निर्यात की देखरेख करने वाले सुआगेव कहते हैं कि पश्चिमी प्रतिबंध अनुचित कारोबार के बराबर हैं। साथ ही यह ‘स्वतंत्र राष्ट्रों के अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के संप्रभु अधिकार का हनन है।’ प्रतिबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि नया उत्पादन और लॉजिस्टिकल चेन स्थापित की गई हैं।

खबरें थी कि पश्चिम की तरफ से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के चलते भुगतान प्रक्रिया मुश्किल हो गई थी।

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