श्रीकांत त्यागी पर हुए ऐक्शन को ‘त्यागी बिरादरी’ ने अपने लिए नाक की लड़ाई बना ली है। नोएडा में रविवार 21 अगस्त को त्यागी अपनी ताकत दिखाने जा रहे हैं। कल हजारों लोग महापंचायत में शामिल होंगे।

नोएडा की एक सोसायटी में दो पड़ोसियों के बीच हुआ झगड़ा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए सिरदर्द बन गया है। सोसायटी की महिला को गाली और धमकी देते हुए कैमरे में कैद हुए श्रीकांत शर्मा पर पहले ऐक्शन में देरी को लेकर घिरी योगी सरकार अब अधिक सख्ती को लेकर फंसती दिख रही है। श्रीकांत त्यागी पर हुए ऐक्शन को ‘त्यागी बिरादरी’ ने अपने लिए नाक की लड़ाई बना ली है। नोएडा में रविवार 21 अगस्त को त्यागी महापंचायत के जरिए अपनी ताकत दिखाने जा रहे हैं।

नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद के अलावा पश्चिमी यूपी के जिले मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, बागपत, शामली से बड़ी संख्या में त्यागी ट्रैक्टर ट्रॉलियों और बसों में भरकर कूच कर रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। सिर्फ त्यागी ही नहीं कुछ और बिरादरी के लोग और कुछ किसान संगठनों के सदस्य भी साथ होंगे।

बदला गया स्थान
इतनी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं कि आयोजकों को ‘महापंचायत’ के लिए स्थान बदलना पड़ा है। पहले यह गेझा गांव में आयोजित होने वाला था, लेकिन अब महर्षि आश्रम के रामलीला मैदान में तैयारी की जा रही है। एक लाख से अधिक लोगों की क्षमता वाले मैदान में विशाल टेंट लगाया गया है तो बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। पानी, शौचालय और खाने-पीने जैसी व्यवस्था की जा रही है।

अलर्ट पर पुलिस
महापंचायत की तैयारी ने नोएडा पुलिस की भी चिंता बढ़ा दी है। पुलिस को अलर्ट पर रहने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस इस मसले में फूंक-फूंकर कदम रख रही है। सूत्रों के मुताबिक, पहले भीड़ को नोएडा में ना दाखिल होने देने पर भी विचार किया गया था। लेकिन अब तक कोई ऐक्शन नहीं लेने को कहा गया है जब तक कानून व्यवस्था के लिए कोई दिक्कत पैदा ना हो। शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए जगह-जगह पुलिस की तैनाती की जा रही है।

लखनऊ तक है नजर
इस महापंचायत पर सरकार की भी पैनी नजर है। वैसे तो महापंचायत करने के जा रहे संगठनों ने अभी तक अपना गुस्सा गौतमबुद्धनगर के सांसद महेश शर्मा और नोएडा पुलिस पर ही जाहिर किया है, लेकिन भाजपा भी इसको लेकर चौकन्ना है। जाति पर हो रही राजनीति से उसे नुकसान की आशंका है। भाजपा की नजर इस बात पर होगी कि महापंचायत में किस तरह के फैसले लिए जाते हैं।

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