रामनगरी अयोध्या में गुरुवार को दर्जनों की संख्या में संत अचानक  अयोध्या कोतवाली पहुंच गए और कोतवाली को घेर लिया। कोतवाली के अंदर बड़ी मात्रा में पहुंचे संतों को देखकर एक बार तो पुलिस हैरान रह गई।

रामनगरी अयोध्या में गुरुवार को दर्जनों की संख्या में संत अचानक  अयोध्या कोतवाली पहुंच गए और कोतवाली को घेर लिया। कोतवाली के अंदर बड़ी मात्रा में पहुंचे संतों को देखकर एक बार तो पुलिस हैरान रह गई, लेकिन जब पुलिस ने उनसे कोतवाली आने की जानकारी ली तो तो पूरा मामला समझ आ गया। दरअसल रामनगरी में नरसिंह मंदिर रायगंज पर कब्जे का प्रयास व पुजारी की गिरफ्तारी के विरोध में चार दर्जन से ज्यादा संत-महंत कोतवाली अयोध्या गए थे, जहां नरसिंह मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी से संत बहुत ही नाराज दिखे।

उन्होंने मणिरामदास छावनी उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास के नेतृत्व में कोतवाली का घेराव किया। महंत कमलनयन दास ने देवराम दास वेदांती व उनके लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके द्वारा नरसिंह मंदिर  पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। मंदिर के पुजारी पर भी हमला किया गया है। इससे हम संतों में गहरी नाराजगी है। देवराम दास अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है। इसको लेकर हमने डीएम व एसएसपी को पहले ही अवगत करा दिया था, लेकिन उन लोगों ने कुछ ध्यान नहीं दिया। अगर ध्यान दिया होता तो पुजारी के ऊपर हमला नही हुआ होता।

पुलिस क्या कर रही थी। इससे पहले देवराम दास मंदिर कब्जा करने के उद्देश्य से हमारे गुरुदेव महंत नृत्यगोपाल दास महाराज के ऊपर भी बम से हमला कर चुका है। ऐसी अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को अयोध्या में रहने का कोई अधिकार नही है। उसे तत्काल जेल भेजा जाए। रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास ने कहा कि देवराम दास का स्वभाव आपराधिक कृत्य करने का है। वह दर्जनों मुकदमों में वांटेड है। 20 दिन पहले पुजारी रामशंकर द्वारा मुझे सूचना मिली कि देवराम दास नरसिंह मंदिर पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है। मैंने तत्काल इसकी सूचना रायगंज चौकी इंचार्ज रामप्रकाश मिश्रा और नयाघाट चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र मिश्रा को दी। 15 पहले इस संबंध में एसएसपी को भी बताया था। अयोध्या में अप्रिय घटना घट और अशांति फैल सकती है, जिसका अंदेशा था। वह हो भी गया। उन्होंने कहा कि नरसिंह मंदिर के महंत रामशरण दास बहुत वृद्ध हैं। उनका मस्तिष्क ठीक से काम नही कर रहा है।

हम अंदेशा है यह लोग उनसे सादे कागज पर कुछ लिखा लिए हैं, जिसका भविष्य में दुरूपयोग किया जा सकता है। देवराम दास संगठित गिरोह का सरगना है। उसने अयोध्या की शांति व्यवस्था को भंग किया है। उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई कर उसे जेल भेजा जाए। साथ ही पुजारी रामशंकर दास को सुरक्षा मुहैया कराई जाए, जिससे उसके जानमाल की रक्षा हो सके। कोतवाली घेराव में लक्ष्मणकिलाधीश महंत मैथिलीरमण शरण, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण, खाकचौक के श्रीमहंत बृजमोहन दास, हनुमत निवास महंत मिथिलेश नंदिनी शरण, मंगलभवन पीठाधीश्वर महंत रामभूषण दास कृपालु, महंत शशिकांत दास, महंत बलराम दास हनुमानगढ़ी, महंत रामजी शरण, महंत हरिभजन दास, महंत अवनीश दास, स्वामी छविराम दास आदि संत-महंत शामिल रहे।

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