उद्धव ठाकरे ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर आज कहा, “सिर्फ तिरंगा फहराने से आप देशभक्त नहीं हो जाते।” कहा कि वह समझते हैं कि यह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का हिस्सा है…..

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा नीत केंद्र सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर आज कहा, “सिर्फ तिरंगा फहराने से आप देशभक्त नहीं हो जाते।” शिवसेना नेता ने कहा कि वह समझते हैं कि यह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का हिस्सा है, लेकिन हमें यह सोचने की जरूरत है कि 75 साल (स्वतंत्रता के) बाद कितना लोकतंत्र बचा है।

अपने पिता बाला साहेब ठाकरे द्वारा 1960 में शुरू किए कार्टून पत्रिका ‘मार्मिक’ के 62वें स्थापना दिवस पर वीडियो लिंक के जरिए बोलते हुए उद्द ठाकरे ने कहा कि कार्टूनिस्टों को भारत के “गुलामी की ओर बढ़ने” के खिलाफ लोगों का मार्गदर्शन करना होगा। उन्होंने एक वायरल कार्टून के बारे में बोलते हुए कहा, “आजकल माई-बाप (राजशाही पढ़ें) सरकार ने हर घर पर राष्ट्रीय ध्वज लगाने के लिए कहा है, लेकिन किसी ने मुझे इसके बारे में एक तस्वीर दिखाई।” “इसमें एक गरीब आदमी कहता है, ‘मेरे पास तिरंगा है, लेकिन इसे लगाने के लिए घर नहीं है’। तिरंगा फहराने से कोई देशभक्त नहीं हो जाता।”

उद्धव आगे कहते हैं, “आज भी चीनी अरुणाचल में प्रवेश कर रहे हैं। अगर हम अपने घरों पर तिरंगा लगाएंगे तो वे वापस नहीं जाएंगे। तिरंगा हमारे दिल में भी होना चाहिए।”

सशस्त्र बलों के बजट में कटौती 
उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर सशस्त्र बलों के बजट में कटौती करने का आरोप लगाया। “तिरंगे को डीपी (सोशल मीडिया पर प्रदर्शित तस्वीर) के रूप में रखना खुशी की बात है, लेकिन उन लोगों के बजट में कटौती करने की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है जो अपने घरों को छोड़कर देश की रक्षा के लिए सीमा पर खड़े हैं।”

ठाकरे ने हाल ही में भाजपा द्वारा समर्थित शिवसेना के बागियों द्वारा उनकी सरकार को कैसे बेदखल किया गया था, उस पर भी बात की। उन्होंने कहा, “आपके पास सेना की भर्ती के लिए पैसा नहीं है, लेकिन आपके पास राज्य सरकार को गिराने के लिए पैसा है।”

क्षेत्रीय दलों को खत्म कर रही भाजपा
उन्होंने भाजपा पर क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘जेपी नड्डा (भाजपा प्रमुख) राज्य की पार्टियों को खत्म करने की बात कर रहे हैं। लोगों को इस बारे में सोचना चाहिए।’ उन्होंने एकनाथ शिंदे की महाराष्ट्र सरकार में मंत्रियों को विभाग देने में देरी पर भी सवाल उठाया।

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