मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खेलों के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार का खजाना खुला हुआ है। पदक जीतने वालों को राजपत्रित अधिकारी की नौकरी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खेलों के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार का खजाना खुला हुआ है। ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ आदि प्रतियोगिताओं में पदक विजेता प्रदेश के खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्ति की स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके साथ ही पदक विजेताओं पर लाखों, करोड़ों रुपये की धनवर्षा भी की जा रही है। यह सिलसिला थमेगा नहीं।

सीएम नागपंचमी पर मंगलवार को गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत कुश्ती प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने गोरखपुर केसरी का खिताब जीतने वाले भगत सिंह यादव, गोरखपुर कुमार अनिल यादव, गोरखपुर वीर अभिमन्यु जनार्दन यादव को गदा व नकद पुरस्कार प्रदान किया।

योगी ने कहा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खेलो इंडिया अभियान से गांव-गांव खेल और खिलाड़ियों को मिले प्रोत्साहन के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। आज हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गांव, न्याय पंचायत, ब्लॉक व तहसील स्तर पर भी कुश्ती की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। इससे खेलो इंडिया के अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसे ही कबड्डी, वालीबाल, खो-खो आदि की प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो सकती हैं।

1994 से क्रीडा छात्रावास की व्यय धनराशि रिवाइज की

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1994 से क्रीड़ा छात्रवास के खिलाड़ियों की व्यय राशि नहीं बढ़ाई गई थी। हमनें खिलाड़ियों की डाइट मनी 250 रुपये से बढ़ा कर 375 रुपये प्रतिदिन की। अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हों, इसके लिए 1.50 लाख रुपये के मानदेय पर 50 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को बतौर प्रशिक्षक रखा जा जा रहा है।

खिलाड़ियों के लिए अनुदान राशि में बढ़ोतरी करने के साथ ही एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना की गई है। खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास एवं प्रोत्साहन नियमावली 2020 को प्राख्यापित करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 8.55 करोड़ रुपये की व्यवस्था की। जिला स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए 5 लाख, मंडल स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए 15 लाख रुपये दिए जा रहे हैं।

मेरठ में खेल विवि का काम शुरू

सीएम ने कहा कि मेरठ में प्रदेश के पहले स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का निर्माण शुरू हो गया है। वहीं, एक जिला एक खेल योजना के तहत खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जा रही। दिव्यांग खिलाड़ियों को भी हर प्रकार की सुविधा व सहायता उपलब्ध करा रहे।

प्रदेश सरकार ने खेल और खिलाड़ियों के लिए उठाए कदम

सीएम ने कहा कि प्रदेश में खेल के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। हर गांव में खेल के मैदान व ओपन जिम विकसित किए जा रहे हैं। जिला स्तर पर स्टेडियम व मिनी स्टेडियम बने हैं। प्रदेश में 77 स्टेडियम, 68 बहुउद्देश्यीय स्पोर्ट्स हाल, 39 तरणताल, 2 इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, 14 सिंथेटिक हॉकी मैदान, 36 जिम, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 19 डोरमेट्री, 16 बास्केटबॉल स्टेडियम, 11 कुश्ती हाल, 11 वेटलिफ्टिंग हाल बनाए जा चुके हैं। तीन स्पोर्ट्स कॉलेज एवं 44 क्रीड़ा छात्रवासों के जरिये 16 प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण मिल रहा है। राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए खिलाड़ियों का भत्ता 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये किया गया है।

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