छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। शहीदी सप्ताह के पहले दिन लोन वर्राटू (घर वापस आइये) अभियान से प्रभावित होकर 3 हार्डकोर नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर दिया।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। शहीदी सप्ताह के पहले दिन लोन वर्राटू (घर वापस आइये) अभियान से प्रभावित होकर 3 हार्डकोर नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सरेंडर कर दिया। तीनों नक्सली मिनपा, टेकलगुड़ा, बुर्कापाल समेत कई बड़ी घटनाओं में अंजाम दिया है। 70 से ज्यादा जवानों की शहादत की घटना में भी यह नक्सली शामिल रहे हैं। तीनों नक्सलियों पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम घोषित है। सरेंडर करने वाले माओवादियों ने खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर संगठन छोड़ना बताया। पुलिस को इनसे महत्वपूर्ण जानकारी भी मिली है।
दंतेवाड़ा के एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि 3 हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में रमेश हेमला पर 5 लाख, संतु हेमला पर 5 लाख और रितेश हेमला पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित है। 2 लोग माओवादियों के बटालियन टीम के सदस्य और एक कंपनी नंबर 2 का सदस्य था। तीनों नक्सली प्रतिबंधित संगठन में पिछले 10 से 11 सालों से सक्रिय हैं। तीनों माओवादी मिनपा, टेकलगुड़ा, बुर्कापाल सहित कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं। संगठन के कई बड़े कैडर्स के साथ काम कर चुके हैं। माओवादी संगठन के बारे इनसे महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
फोर्स के दबाव में सरेंडर कर रहे माओवादी
एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली अपना शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। नक्सलियों के शहीदी सप्ताह के पहले दिन 3 माओवादियों का एक साथ हथियार छोड़ना पुलिस की बड़ी कामयाबी है। समर्पण करने वाले नक्सली सुकमा और बीजपुर जिले के निवासी हैं। सरेंडर करने वाले नक्सली गांवों में लोगों को संगठन से जोड़ने का भी काम करते थे। उन्होंने कहा कि फोर्स के दबाव में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं या फिर मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। हम विचारधारा से भटके नक्सलियों से अपील करते हैं कि सरेंडर कर वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ें। बता दें कि दंतेवाड़ा जिले में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 136 इनामी नक्सलियों सहित 549 माओवादी सरेंडर कर चुके हैं।