महिला का अमेरिका के पोर्टलैंड में इलाज चल रहा था। हालांकि परिवार के लोग चेन्नई के अस्पताल में उसका हार्ट सर्जरी कराना चाहते थे, इसलिए एक करोड़ से ज्यादा खर्च करके उसे एयरलिफ्ट किया गया।

दिल की गंभीर बीमारी से ग्रसित एक 67 वर्षीय महिला को अमेरिका के पोर्टलैंड से एयरलिफ्ट करके 26 घंटे में चेन्नई लाया गया। यह भारत में एयरो-मेडिकल इवैक्युएशन का यह सबसे लंबा मामला है। रिपोर्ट के मुताबिक महिला की पहचान नहीं हो पाई है। महिला का अमेरिका के पोर्टलैंड में इलाज चल रहा था। हालांकि परिवार के लोग चेन्नई के अस्पताल में उसका हार्ट सर्जरी कराना चाहते थे, इसलिए एक करोड़ से ज्यादा खर्च करके उसे एयरलिफ्ट किया गया।

इस तरह से लाया गया
महिला को जिस विमान से लाया गया वह आईसीयू इक्विप्ड थी। महिला को चेन्नई तक दो प्राइवेट विमानों से लाया गया। पहले उसे पोर्टलैंड से इस्तांबुल के टर्की लाया गया और फिर यहां से चेन्नई तक लाया गया। पहले प्राइवेट जेट पर सवार मेडिकल टीम में तीन डॉक्टर्स और दो पैरामेडिक्स स्टाफ था। इस विमान को पोर्टलैंड से आइसलैंड के रेक्जाविक एयरपोर्ट पहुंचने में साढ़े सात घंटे लगे। यहां पर इसने पहला स्टॉप लिया। यहां पर ईंधन भराने के बाद विमान ने दूसरा स्टॉप इस्तांबुल में लिया, जहां मेडिकल और एविएशन क्रू रिप्लेस किया गया। इस दौरान मरीज की निगरानी के लिए बेंगलुरू का एक डॉक्टर अमेरिका से ही विमान पर सवार था।

इसलिए लाना पड़ा इंडिया
टर्की में महिला को दूसरे प्राइवेट जेट में शिफ्ट किया गया। यहां से उड़ान भरने के बाद विमान चार घंटे में टर्की के ही दियारबकीर एयरपोर्ट पहुंचा। इसके बाद विमान ने मंगलवार की सुबह चेन्नई के लिए उड़ान भरी। विमान पर मरीज को तत्काल एंबुलेंस में अस्पताल के लिए रवाना किया गया, जहां उनकी सर्जरी की तैयारी चल रही है। जानकारी के मुताबिक अमेरिका में हार्ट सर्जरी की प्रक्रिया में बहुत ज्यादा समय रहा था। इसके अलावा इसमें लगने वाले पैसे भारत तक एयरलिफ्ट किए जाने से भी ज्यादा थे। इसलिए परिजनों ने महिला का इलाज चेन्नई में कराने का निर्णय लिया।

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