यह घटना 16वें ओवर की है जब दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर मोइन अली गेंदबाजी कर रहे थे। जब कोई स्पिनर अटैक पर होता है तो पंत ललचा जाते हैं और कदमों का इस्तेमाल कर जरूर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश करते हैं।

ऋषभ पंत एक ऐसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं जिन्हें विपक्षी टीमें जीवनदान का मौका कभी नहीं देना चाहती। हर टीम जानती है कि अगर पंत क्रीज पर हैं तो वह हारी हुई बाजी को भी पलटने की क्षमता रखते हैं। मगर इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में मेजबान टीम के कप्तान जोस बटलर ने पंत को जीवनदान देकर सबसे बड़ी गलती कर दी और इस भारतीय विकेट कीपर बल्लेबाज ने इसका जमकर फायदा उठाया। पंत ने मैनचेस्टर वनडे में जीवनदान मिलने के बाद शतक जड़ टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलाई। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 260 रनों का लक्ष्य रखा था, इस स्कोर को ऋषभ पंत की 125 रनों की नाबाद पारी के दम पर भारत ने 5 विकेट रहते हासिल कर लिया।

मैच के बाद इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने माना कि पंत को जीवनदान देना सबसे बड़ी गलती थी। इसकी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह एक अनुभवी क्रिकेटर जरूर हैं मगर एक युवा कप्तान है। दरअसल, लिमिटेड ओवर क्रिकेट में अपनी कप्तानी के डेब्यू में ही बटलर को पहली दो सीरीज गंवानी पड़ी है।

मैच के बाद बटलर ने कहा ‘हमारे रन कम थे। हमें गेंद के साथ अच्छी शुरुआत की जरूरत थी और वैसी शुरुआत मिलना शानदार रहा। हमने मौके बनाए लेकिन दो खिलाड़ी मैच को हमसे दूर ले गए, वहीं हम मैच हार गए। जब आप खिलाड़ियों को मौक़ा देते हैं (पंत का स्टंपिंग छोड़ने को लेकर ) तो वे आपको परेशान करेंगे। हार्दिक के खिलाफ भी हाफ चांस दिया था। हमने जो स्कोर बनाया था, हमें आए सभी मौकों को भुनाने की जरूरत थी। मैं एक अनुभवी क्रिकेटर हूं लेकिन एक युवा कप्तान हूं। हम आदिल रशिद का टीम में वापस आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि वो हमारी टीम के एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं।’

18 रन पर ही हो जाता ऋषभ पंत की पारी का अंत

यह घटना 16वें ओवर की है जब दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर मोइन अली गेंदबाजी कर रहे थे। जब कोई स्पिनर अटैक पर होता है तो पंत ललचा जाते हैं और कदमों का इस्तेमाल कर जरूर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश करते हैं। मोइन अली के खिलाफ भी उन्होंने ऐसा ही किया, मगर गेंद उनके बल्ले पर नहीं आई और वह बीट हो गए। गेंद सीधा बटलर के पास गई, मगर इंग्लिश कप्तान विकेट के पीछे गेंद को नहीं पकड़ पाया। अगर वहां बटलर गेंद को पकड़कर पंत को स्टंप आउट कर देते तो महज 18 रनों पर ही पंत की पारी का अंत हो जाता।

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