रायपुर में एक स्कूल प्रिंसिपल को 12वीं कक्षा की छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। प्रिंसिपल एग्जाम में फेल होने का डर दिखाकर युवती का फायदा उठाना चाहता था।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक स्कूल प्रिंसिपल को 12वीं कक्षा की एक छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने छात्रा के साथ छेड़छाड़ की है और कहा था कि वह बोर्ड एग्जाम में फेल हो जाएगी। आरोपी बोर्ड एग्जाम का भय दिखाकर छात्रा पर उसके साथ संबंध बनाने का दबाव बना रहा था।

17 साल की नाबालिग लड़की ने 18 जून को अपने घर में उस समय खुद को आग लगा ली जब उसके माता-पिता खेत में काम कर रहे थे। जब वे घर पहुंचे तो उन्हें उसकी जली हुई लाश मिली। दुखी और इस बात से अनजान कि छात्रा ने यह भयानक कदम क्यों उठाया, उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने जब उस दिन हुई घटनाओं के बारे में छानबीन शुरू की तो पता चला कि प्रिंसिपल दो स्टाफ सदस्यों के साथ छात्रा से मिलने उसके घर आया था।

नियमों का उल्लंघन होने के कारण पुलिस इस बात से हैरान थी क्योंकि स्कूल प्रिंसिपल परीक्षा के दौरान किसी बोर्ड परीक्षार्थी के घर नहीं जा सकता है। जांचकर्ताओं ने पाया कि प्रिंसिपल ने यह कहकर लड़की को डराने की कोशिश की थी कि उसने दो पेपरों में खराब उत्तरों लिखे हैं और वह बोर्ड एग्जाम में फेल हो जाएगी। पुलिस का कहना है कि उनके जाने के कुछ ही मिनट बाद छात्रा ने खुद पर आग लगा ली।

इन निष्कर्षों और सहायक सबूतों के आधार पर, पुलिस ने प्रिंसिपल को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की। उसने पहले भी दो बार लड़की से छेड़छाड़ करने की बात स्वीकार की। छात्रा लगातार उसकी बात मानने से मना कर रही थी। प्रिंसिपल को लगा कि अगर वह उसे बोर्ड एग्जाम में फेल होने का डर दिखाएगा तो वह उसकी बात मानने को मजबूर हो जाएगी। जांचकर्ताओं के मुताबिक, उसने नहीं सोचा था कि वह आत्महत्या कर लेगी। पुलिस ने आरोपी को आईपीसी और पॉक्सो के तहत गिरफ्तार किया है। उसके साथ उसके घर आए स्कूल के सदस्यों से भी पूछताछ की जा रही है।

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