इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि उस बच्ची को पिता से मिलने के लिए नहीं रोका जाएगा। अदालत ने महिला को छुट्टियों के दौरान अपनी बेटी के साथ भारत आने का निर्देश भी दिया।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में आदेश दिया है कि किसी भी मां को करियर और बच्चे के बीच किसी एक को चुनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। यह उस महिला के ऊपर निर्भर करता है कि वह दोनों में से एक या दोनों को चुनेगी। इसके साथ ही संबंधित मामले में हाई कोर्ट ने महिला को अपने साथ बच्चे को विदेश ले जाने की इजाजत दे दी है।

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