सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई नरम होकर 7.01% पर आ गई है, जो मई के महीने में 7.04% थी। यह कीमतों के दबाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों के बावजूद है।

जून में सालाना आधार पर भारत की खुदरा महंगाई दर थोड़ी कम रही। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई नरम होकर 7.01% पर आ गई है, जो मई के महीने में 7.04% थी। वहीं, अप्रैल की बात करें तो महंगाई की दर 7.79% थी।

जून के माह में महंगाई पर ये नरमी तब दिख रही है जब केंद्र सरकार की ओर से कीमतों के दबाव को कम करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। सरकार के तमाम उपाय के बावजूद अब भी महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य से ज्यादा है। आपको बता दें कि लगातार छह माह से महंगाई की दर आरबीआई की निर्धारित सीमा से ज्यादा है। आरबीआई की निर्धारित सीमा 6 फीसदी है।

आरबीआई रेपो रेट में करेगा इजाफा: वर्तमान में महंगाई के आंकड़ों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि अगस्त की मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो रेट फिर से बढ़ाने पर विचार हो सकता है। आपको बता दें कि बीते दो माह में दो बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा चुकी है। वर्तमान में रेपो रेट 4.90% है, अनुमान है कि इस साल के अंत तक यह बढ़कर 5.50% या इससे अधिक हो सकती है।

आपको बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते दिनों कहा था कि दूसरी छमाही में महंगाई कंट्रोल में हो सकती है।

औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े: इस बीच, मई 2022 के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े भी जारी कर दिए गए हैं। मई माह में भारत का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन या औद्योगिक उत्पादन 19.6 प्रतिशत बढ़ा। मई 2022 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 20.6 प्रतिशत बढ़ा। वहीं, माइनिंग उत्पादन की बात करें तो 10.9 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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