दुर्ग जिले की पुलिस ने भिलाई स्टील प्लांट (BSP) के कर्मी जगत राम उइके की हत्या करने वाले आरोपी को पकड़ लिया है। शव मिलने के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने इसका खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी कोई ओर नहीं बल्कि उसका ही दोस्त था। कर्ज चुकाने से बचने के लिए आरोपी ने हत्या की। मृतक के सोने की चैन,अंगूठी सारा सामान आरोपी से बरामद कर लिया गया है।
बेटे ने पिता की गुमशुदगी की लिखाई दी रिपोर्ट
पुलिस ने बताया कि, 20 जुलाई को थाना छावनी में कृषभ उइके ने अपने पिता जगतराम उइके निवासी मदर टेरेसा नगर छावनी के द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। थाना छावनी में गुम इंसान दर्ज किया गया था। प्रार्थी के अनुसार उसके पिता गुमशुदा जगत राम उइके BSP कर्मचारी थे। 19 जुलाई को जनरल शिफ्ट ड्यूटी आए थे। ड्यूटी के बाद से घर नहीं पहुंचने की सूचना पर थाना छावनी के गुमशुदगी पता किया गया। इस दौरान 21 जुलाई को BSP प्लांट के एसएमएस-2 के आस पास पता तलाश करने के दौरान सूचना मिली की एसएमएस-2 सीसीएस में एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली है।
20 जुलाई की सुबह वेंकट पहुंचा था घर
पुलिस के मुताबिक, आरोपी आर. व्यंकटेश्वर राव मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे BSP कर्मी के घर गया था। उसने दोनों बच्चों से उनके पिता के घर लौटने को लेकर पूछताछ की थी। उसने दोनों बच्चों को धमकाया भी था कि अगर वो पिता के लोगों को उधार पैसा देने की जानकारी देंगे तो पुलिस उन्हीं पर केस दर्ज कर लेगी। पुलिस को जांच में पता चला कि BSP कर्मी एसएमएस 3 में सीनियर टेक्नीशियन की नौकरी करता था। इसके साथ उसकी पावर हाउस में सोने चांदी की दुकान भी है। लोगों को उधार रुपए भी दिया करता था।
उधार रुपए ना चुकाने पड़े इस लिए कर दी हत्या
पुलिस ने बताया कि आरोपी द्वारा मृतक से डेढ़ लाख रूपए कर्जा लेना व कर्जा वापस न देना पड़े। इसलिए उसको सोना देने के बहाने घटना स्थल मशीन नंबर 06, सिगमेंट प्लांट 1-2 के पास एसएमएस 2 सीसीएस 6.5 मीटर कास्टर 6 ग्रीस स्टेशन BSP प्लांट में बुलायआ। उसके बाद उसने अपने पास रखे लोहे के राड से मृतक के सिर पर वार कर हत्या कर दी। मृतक के शव को डिस्पोज करने के लिए वहां पर एक बंकर में शव को डालकर बाहर से बंद कर दिया।
साथ ही घटना के बाद संदेही मृतक जगत राम को खोजबीन करने का नाटक करता रहा, जिससे पुलिस को उस पर संदेह न हो। एडिशन एसपी संजय ध्रुव ने बताया कि मृतक के बेटे के द्वारा आरोपी व्यंकटेश्वर राव से मिलने जाना बताकर घर से निकलना बताया। लेकिन व्यंकटेश्वर राव की ड्यूटी रात के समय थी, शाम 5.30 बजे मृतक के साथ अंतिम बार देखे जाने से संदेह के दायरे में आने पर तत्काल विशेष टीम द्वारा संदेही को हिरासत में लिया जाकर कड़ाई से पूछताछ की गई फिर उसने अपना जुर्म कबूल किया।