विवाद शनिवार शाम को शुरू हुआ जब शिव और पार्वती का रूप धारण किए हुए एक महिला और एक पुरुष ईंधन, खाद्य पदार्थों और अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध में सड़कों पर उतर आए।

निर्देशक लीना मणिमेकलाई द्वारा एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ पोस्टर पर देश भर में आक्रोश के बीच असम के नगांव में एक पुरुष और एक महिला ने भगवान शिव और देवी पार्वती का रूप धारण कर अपना विरोध दर्ज कराया। इसको लेकर अब विवाद छिड़ गया है। इस घटना की बजरंग दल की नगांव जिला इकाइयों और विश्व हिंदू परिषद ने कड़ी निंदा की है। इन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू सनातन धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है।

विवाद शनिवार शाम को शुरू हुआ जब शिव और पार्वती का रूप धारण किए हुए एक महिला और एक पुरुष ईंधन, खाद्य पदार्थों और अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध में सड़कों पर उतर आए। बाइक सवार दोनों नगांव के कॉलेज चौक पहुंचे। यहां उन्होंने वाहन में ईंधन खत्म होने पर ड्रामा किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए भगवान शिव के वेश में अभिनेता ने कहा कि सरकार केवल पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है और उसे आम लोगों के मुद्दों की चिंता नहीं है। इसके बाद उन्होंने जिज्ञासु दर्शकों से सड़कों पर उतरने और बढ़ती महंगाई का विरोध करने का आग्रह किया।

इसके बाद कलाकार बड़ा बाजार इलाके में पहुंचे और ऐसा ही नुक्कड़ नाटक किया। स्टंट ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने इस नाटक की आलोचना की और युवकों पर हिंदू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया।

इसके बाद नगांव सदर पुलिस स्टेशन में अभिनेता जोड़ी (बिरिंची बोरा और करिश्मा) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बाद बोरा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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