राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली NDA ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के आदिवासी कार्ड ने UPA के विपक्षी दलों को चुनाव में समर्थन के मुद्दे पर पशोपेश में डाल दिया है।

राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के आदिवासी कार्ड ने UPA के विपक्षी दलों को चुनाव में समर्थन के मुद्दे पर पशोपेश में डाल दिया है। द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य ओडिशा की निवासी और वे प्रदेश के पड़ोसी राज्य झारखंड में लंबे समय तक राज्यपाल रहीं। 15 जुलाई को मुर्मू रायपुर आ रहीं हैं। यह उनका पहला छत्तीसगढ़ दौरा है। भाजपा तैयारियों में लगी हैं। भाजपा ने एक बैठक बुलाई थी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व CM डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी शामिल हुए।

बता दें कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) ने यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी घोषित किया है। 1 जुलाई को यशवंत सिन्हा चेन्नई से सीधे रायपुर आए थे। सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस के विधायकों और सांसदों की एक निजी होटल में बैठक हुई, जिसमें सिन्हा ने समर्थन मांगा था। रायपुर में यशवंत सिन्हा ने कहा था कि देश को खामोश राष्ट्रपति नहीं चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा होता कि इस पद के लिए चुनाव ही नहीं होता। पक्ष-विपक्ष दोनों मिलकर बैठते और सर्वसम्मति से किसी एक व्यक्ति को चुन लिया जाता। ऐसा करने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है। छत्तीसगढ़ आदिवासी प्रदेश है। यहां आदिवासियों की आबादी 32% है। यहां अनुसूचित जनजाति के लिए 29 सीटें आरक्षित हैं, जिसमें 27 पर कांग्रेस का कब्जा है।

आदिवासियों के लिए सौभाग्य का विषय
छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता देवलाल दुग्गा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए यह गौरव की बात है कि द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। पहली बार देश में किसी आदिवासी को प्रथम नागरिक बनाने पहल की गई है। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों में इससे उत्साह है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से भले ही कांग्रेस के विधायक ज्यादा हैं, लेकिन भाजपा के पास 9 सांसद, 1 राज्यसभा सांसद और 14 विधायक हैं। जेसीसीजे और बसपा ने एनडीए को समर्थन का ऐलान किया है।

प्रदेश में सांसद व विधायकों की दलीय स्थिति
छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं। वहीं लोकसभा में 2 और राज्यसभा में 4 सांसद हैं। 2 सांसदों राजीव शुक्ला व रंजीत रंजन अभी हाल ही में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। यशवंत सिन्हा को छत्तीसगढ़ से अच्छी लीड मिलने की संभावना है। वहीं भाजपा के पास 14 विधायक, 9 लोकसभा सांसद और 1 राज्यसभा सांसद हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसीजे) के 3 और बहुजन समाज पार्टी के 2 विधायक हैं। बसपा व जेसीसीजे ने NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। ऐसे में 19 विधायक और 10 सांसदों के वोट एनडीए प्रत्याशी को मिलेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *