झारखंड के एक स्कूल में धर्म के नाम पर प्रार्थना को जबरन बदले जाने को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। इधर छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रार्थना में एकरूपता लाने स्कूलों में राज्यगीत को अनिवार्य कर दिया है।
झारखंड के एक स्कूल में धर्म के नाम पर प्रार्थना को जबरन बदले जाने को लेकर खासा बवाल मचा हुआ है। इधर छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रार्थना में एकरूपता लाने स्कूलों में राज्यगीत को अनिवार्य कर दिया है। अब प्रार्थना की शुरुआत राज्यगीत अरपा पैरी के धार… से होगी। वहीं समापन राष्ट्रगान से होगा। रोजाना प्रार्थना के दौरान शाला नायक द्वारा देश और प्रदेश की एकता और समृद्धि के लिए शपथ दिलाई जाएगी। प्रार्थना सभा के लिए 15 मिनट का समय निर्धारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ से स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए प्रार्थना सभा के संबंध में गाइडलाइंस जारी किया है। विद्यार्थियों द्वारा प्रार्थना सभा की शुरूआत राज्यगीत से की जाएगी। राज्यगीत के लिए एक मिनट 15 सेकेंड, शपथ के लिए एक मिनट, प्रेरणा गीत के लिए 2 मिनट, 5 मिनट में समाचार पत्र से सामान्य ज्ञान और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुख्य समाचारों की हेडलाइन का वाचन होगा। नैतिक व प्रेरक कहानी के लिए 5 मिनट और राष्ट्रगान के लिए 52 सेकेंड का समय निर्धारित किया गया है।
प्रेरणादायक गीत या प्रेरक कहानी सुनाएंगे बच्चे
प्रार्थना सभा की अगुवाई मासिक आकलन में सर्वाधिक अंक पाने वाले 5 विद्यार्थी करेंगे। इसके लिए प्रत्येक माह बच्चों का चयन किया जाएगा। शाला नायक द्वारा विद्यार्थियों को देश और प्रदेश की एकता और समृद्धि के लिए शपथ दिलाई जाएगी। विद्यार्थियों द्वारा कोई भी एक प्रेरणादायक गीत गाया जाएगा। जैसे- इतनी शक्ति हमें देना दाता…। विद्यार्थियों द्वारा प्रतिदिन नैतिक या प्रेरक कहानी सुनाई जाएगी। विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रगान के साथ प्रार्थना सभा का समापन किया जाएगा। बता दें कि नरेंद्र वर्मा के लोकप्रिय गीत अरपा पैरी के धार… को 2019 में पहली बार राज्य गीत का दर्जा दिया गया है।