भाजपा सांसद दिलीप घोष ने कहा कि नूपुर शर्मा का बयान अगर गलत था तो तर्क से काटना चाहिए था लेकिन एक विचारधारा है जो कि तर्क की जगह तलवार उठाती है और दुनिया इसके खिलाफ बोलने से डरती है।

भाजपा सांसद दिलीप घोष ने पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा का पक्ष लेते हुए कहा है कि हिंसा की घटनाओं के पीछे दूषित मानसिकता है। नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर बयान दिया था जिसके बाद पूरी दुनिया में इसकी आलोचना हुई। इंडिया टुडे के कार्यक्रम में बोलते हुए घोष ने कहा, स्वतंत्रता से पहले देश में दंगे होते थे और सैकड़ों लोग मारे जाते थे। यह विचारधारा जो हिंसा फैलाती है इसके खिलाफ बोलने से दुनिया डरती है।

उन्होंने कहा, अगर आपको लगता है कि नूपुर शर्मा ने जो कहा वह गलत है तो आप सार्वजनिक रूप से इसके विरोध में तर्क रखिए। लेकिन तर्क की जगह आप तलवार उठा लेते हैं। दिलीप घोष ने कहा, नूपुर शर्मा के बयान की वजह से कितने लोग मरे? नूपुर शर्मा के खिलाफ आपके पास तर्क है तो आप टीवी पर आकर बोलिए। आप जानते हैं कि सही बोला है, आपका कपड़ा उतर जाएगा।  यह विषय कोर्ट में है।

दिलीप घोष ने कहा, विचारधारो को तलवार से नहीं खत्म किया जा सकता। ऐसा होता तो पराधीन रहने के बाद हिंदुत्व खत्म हो जाता। बम, बंदूक तलवार सब चले। तैमूर लंग, बख्तियार खिलजी से लेकर नादिर शाह तक खून की नदियां बहा दी गईं। क्या हिंदुत्व खत्म हो गया? ये जो कर रहे हैं, ये लोग तर्क से डरते हैं, चर्चा से डरते हैं। वो जो बोलीं, सही है या गलत चर्चा में साबित होना चाहिए। आप हारे हुए हैं इसलिए तलवार निकालते हैं।

‘काली’ पोस्टर पर क्या बोले दिलीप घोष
पोस्टर में मां काली को स्मोक करते हुए दिखाने पर दिलीप घोष ने कहा, हमेशा ऐसे लोग रहे हैं जो कि हिंदुत्व को गलत बताकर खुद को बुद्धिजीवी और प्रगतिवादी साबित करने का प्रयास करते हैं। ये क्रांतिकारी लोग ऐसे विवाद जानबूझकर पैदा करते हैं जिससे कि यह चर्चा का विषय बने। उन्होंने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि दूसरे की संस्कृति का सम्मान करें लेकिन समस्या तब पैदा होती है जब सांस्कृतिक पहचान के नाम पर राजनीति होने लगती है।

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