Delhi-NCR Weather News In Hindi : दिल्ली-एनसीआर में सोमवार-मंगलवार को तापमान 40 से 42 डिग्री के आसपास रहा लेकिन महसूस ऐसा हो रहा है कि जैसे 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया हो। घुटन भरी गर्मी के कारण जनजीवन बेहाल है। ऐसे में एक्सपर्ट्स सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।

नई दिल्ली: हाय, इतनी गर्मी! उमस से हालत खराब है भाई… घर से निकलना मुश्किल है… ऐसी ही बातें हो रही हैं राजधानी दिल्ली में। लोग गर्मी के कारण बुरी तरह परेशान हैं। सफदरजंग में मंगलवार को सबसे ज्यादा 41.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। एक दिन पहले सोमवार को भी 40.9 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन लोगों को वास्तविक अनुभव (Real Feel) 55 डिग्री सेल्सियस का हो रहा था। उमस के कारण लोग पसीने में भींग जा रहे हैं। ऐसे में मॉनसून का इंतजार काफी बेसब्री से हो रहा है। वहीं, भारतीय मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि आज उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मॉनसून प्रवेश कर जाएगा और गुरुवार या शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर तक पहुंच जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में पिछले वर्ष 13 जुलाई को जबकि 2020 में 25 जून को मॉनसून आया था।

35 डिग्री WBT खतरनाक

मौसम का हाल जानने के लिए एक और वेट बल्ब टेंपरेचर (WBT) सिस्टम का भी दुनियाभर में उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। जिस तापमान पर पानी वाष्प में बदलने लगता है, उसका पता लगाने के लिए थर्मामीटर पर भीगा हुआ कपड़ा लपेटा जाता है। रीयल फील की तरह ही वेट बल्ब टेंपरेचर भी लोगों पर तापमान और नमी के साझे प्रभाव को दर्शाता है। वेट बल्ब टेंपरेचर निकालने के लिए अधिकतम तापमान, वातावरण में नमी की मात्रा, हवा की गति और सौर विकरण (Solar Radiation) का ध्यान रखा जाता है। यह 32 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो जाए तो घर से बाहर काम करने में तंदुरुस्त व्यक्ति की हालत भी खराब हो जाएगी। अगर डब्ल्यूबीटी 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए तब शरीर का तापमान मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में लोगों को लू लग सकता है और हालत खराब हो सकती है।
वातावरण में 50% तक नमी
आईएमडी के सीनियर साइंटिस्ट आरके जेनमनी ने कहा कि दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में मंगलवार को तापमान औसत से 4 से 6 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। ऊपर से 50 प्रतिशत के करीब ह्यूमिडिटी लेवल भी रहा जिससे बेचैन करने वाला माहौल बन गया। उन्होंने बताया, ‘सफदरजंग में सोमवार और मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे 30 डिग्री सेल्सियस डब्ल्यूबीटी आंका गया जो इस साल का सबसे ज्यादा है। 8 जून को जब सबसे ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया गया था तब डब्ल्यूबीटी महज 23.4 डिग्री सेल्सियस ही था। इसका कारण यह है कि उस दिन वातावरण में नमी की मात्रा 14 प्रतिशत ही थी जो मंगलवार को बढ़कर 45 प्रतिशत तक पहुंच गई।’ उनका कहना है कि ऐसे मौसम में लोगों को बाहर रहने से बचना चाहिए और लगातार पानी पीते रहना चाहिए।

23 जून से बढ़ने लगा ह्यूमिडिटी लेवल

दिल्ली-एनसीआर में 23 जून से उमस बढ़ना शुरू हुआ जब हवा का रुख पश्चिम से पूरब की तरफ हो गया था। जेनमनी का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में 30 जून और 1 जुलाई को बारिश का असर देखने को मिल सकता है जब अधिकतम तापमान गिरकर 33 से 35 डिग्री तक आ जाएगा। यूं तो दिल्ली में हर वर्ष 27 जून को ही मॉनसून के पहुंचने के आसार होते हैं, लेकिन इस बार यह तारीख बढ़ गई। दिल्ली में इस वर्ष जून महीने में अब तक 15.8 मिली मीटर बारिश ही हुई है जबकि औसतन 56.1 मिली मीटर होना चाहिए था। यानी, राजधानी में उम्मीद से 72 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

आज दिल्ली-एनसीआर में आ सकता है मॉनसून

मॉनसून के असर से पुरबा हवा में नमी की मात्रा लगातार बढ़ रही है। इसके मद्देनजर मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली में बुधवार के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। आज दिल्ली में हल्की बारिश और धूल भरी आंधी चलने के आसार हैं। यहां का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है जबकि नमी का स्तर भी ऊंचा रहेगा। मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा था कि बिहार के शेष इलाकों, उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों जबकि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में अगले 24 घंटे के दौरान दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के आने के अनुकूल माहौल हैं।सोमवार को मॉनसून अरब सागर और गुजरात के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून का आगमन हो गया था। मौसम विभाग के बयान में कहा गया है, ‘अगले 48 घंटों में यानी 29 जून के बाद मॉनसून अरब सागर और गुजरात के बाकी हिस्सों, राजस्थान के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, पूरे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कुछ इलाकों जबकि पूरी दिल्ली में मॉनसून का आगमन हो जाएगा।’

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