शिवसेना के अधिकांश विधायकों ने मंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति अपनी वफादारी दिखाई है। फिलहाल, गुवाहाटी में सभी डेरा डाले हुए हैं। इस तरह सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार संकट में है।
केंद्र सरकार ने रविवार को शिवसेना के 15 बागी विधायकों के लिए सीआरपीएफ कमांडो के वाई प्लस सुरक्षा कवर को बढ़ा दिया। इनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य शामिल हैं। इन विधायकों के महाराष्ट्र में रहने वाले परिवारों को भी सुरक्षा दी जाएगी, क्योंकि इसमें गृह सुरक्षा दल भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से इसे लेकर गृह मंत्रालय को सिफारिश भेजी गई थी, जिसके बाद विधायकों को सुरक्षा की मंजूरी दी गई है। इसमें कहा गया है कि उन्हें और उनके परिवारों को महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के कारण उनकी शारीरिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरों का सामना करना पड़ रहा है। लगभग चार से पांच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कमांडो प्रत्येक विधायक को सुरक्षा मुहैया कराएंगे।
एकनाथ शिंदे के प्रति बागी विधायकों की वफादारी
शिवसेना के अधिकांश विधायकों ने मंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति अपनी वफादारी दिखाई है। फिलहाल, गुवाहाटी में सभी डेरा डाले हुए हैं। इस तरह सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार संकट में है। महाराष्ट्र विधायिका सचिवालय ने शनिवार को शिंदे सहित शिवसेना के 16 बागी विधायकों को ‘समन’ जारी कर 27 जून की शाम तक लिखित जवाब मांगा है, जिसमें उनकी अयोग्यता की मांग की गई है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उद्धव ठाकरे को बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है।
वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को पार्टी के बागी विधायकों पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि आखिर कब तक वे (विधायक) असम के गुवाहाटी में छिपे रहेंगे, आखिरकार उन्हें चौपाटी (मुंबई के संदर्भ में) आना ही होगा। शिवसेना सांसद ने ट्वीट किया, “कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में।” दक्षिण मुंबई में मंत्रालय (राज्य सचिवालय), विधान भवन (विधायिका परिसर), राजभवन और मुख्यमंत्री का आधिकारिक बंगला ‘वर्षा’ सहित प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठान गिरगाम समुद्र तट के आसपास के क्षेत्र में स्थित हैं, जिसे गिरगाम चौपाटी भी कहा जाता है।