एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का आज झामुमो एलान कर सकती है। शिबू सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पार्टी इसपर फैसला लेगी। कई विधायक मुर्मू के पक्ष में हैं।
एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को लेकर झारखंड की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा जश्न मनाते हुये झामुमो को राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन के मुद्दे पर मौन तोड़ने की अपील कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झामुमो से राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चुप्पी तोड़ने की मांग की है। दूसरी ओर झामुमो के कुछ विधायक द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
झामुमो के कुछ विधायकों की निजी राय सोशल मीडिया पर झलक रही है। देश में द्रौपदी मुर्मू के लिये बन रहे माहौल को मद्देनजर रखते हुये झामुमो शनिवार को समर्थन के मसले पर फैसला कर सकता है। झामुमो, कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन में शामिल होने के कारण फैसले की जानकारी बाद में भी दे सकता है। झामुमो कोटे के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को समर्थन और अन्य राजनीतिक विषयों पर पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक बुलाई गई है। पार्टी का जो निर्णय होगा हम वह मानेंगे।
गिरिडीह से झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने अपनी निजी राय के तौर पर कहा कि आजादी के 75 वर्षों बाद पहली बार किसी आदिवासी और वह भी महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। निश्चित तौर पर उनकी शुभकामनायें मुर्मू के साथ हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि राष्ट्रपति बनने में झारखंड को उनकी मदद करनी ही चाहिये। समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह पार्टी के अनुशासन में रहेंगे और जो पार्टी का निर्णय होगा उसका पूरा सम्मान करेंगे।
दूसरी ओर विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि देश में पहली बार आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने जा रही है। उनका राष्ट्रपति बनना तय है। यह उनके लिये गर्व का विषय है। उनका दिल से समर्थन करते हैं, लेकिन पार्टी का जो भी निर्णय शनिवार की बैठक में होगा वह मानेंगे। राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को जीत के लिये बहुमत का आंकड़ा मिल गया है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर झारखंड में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। आजसू पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दिया है। दूसरी ओर कांग्रेस के संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पार्टी राष्ट्रहित में निर्णय लेगी। अभी तक की स्थिति में कांग्रेस विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के साथ है।