अमेरिका की एक बड़ी आबादी का मानना है कि गर्भपात उनका मौलिक अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट उनसे यह अधिकार नहीं छीन सकता है। हालांकि कोर्ट के फैसले के साथ ही अमेरिका में बवाल भी शुरू हो गया है।
अमेरिकी में गर्भपात कराना अब संवैधानिक अधिकार नहीं रहा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में गर्भपात के अधिकार को समाप्त कर दिया। US सुप्रीम कोर्ट ने 1973 के ‘रोए बनाम वेड’ के फैसले को पलट दिया। करीब 50 साल पहले ‘रोए बनाम वेड’ केस में एक महिला के गर्भपात के अधिकार को सुनिश्चित किया था। इसमें कहा गया था कि अमेरिका के अलग-अलग राज्य इस प्रक्रिया को स्वयं की अनुमति से लागू कर सकते हैं। लेकिन अब अदालत ने पूरे देश के सामने एक प्रभावशाली आदेश पारित कर दिया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “संविधान गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है। ‘रो बनमा वेड’ केस को खारिज कर दिया गया है।”
यह निर्णय कुछ साल पहले तक अकल्पनीय था। उच्चतम न्यायालय का फैसला गर्भपात विरोधियों के दशकों के प्रयासों को सफल बनाने वाला है। न्यायमूर्ति सैमुअल अलिटो की एक मसौदा राय के आश्चर्यजनक ढंग से लीक होने के एक महीने से अधिक समय बाद यह फैसला आया है। इस फैसले के संबंध में एक महीने पहले न्यायाधीश की यह मसौदा राय लीक हो गई थी कि अदालत गर्भपात को मिले संवैधानिक संरक्षण को समाप्त कर सकती है। मसौदा राय के लीक होने के बाद अमेरिका में लोग सड़कों पर उतर आए थे।
अदालत का फैसला अधिकतर अमेरिकियों की इस राय के विपरीत है कि 1973 के रो बनाम वेड फैसले को बरकरार रखा चाहिए जिसमें कहा गया था कि गर्भपात कराना या न कराना, यह तय करना महिलाओं का अधिकार है। इससे अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार मिल गया था।
अब अमेरिका के अलग-अलग राज्य अपने मुताबिक गर्भपात पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। शुक्रवार के नतीजे से लगभग आधे राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की उम्मीद है। अगर अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें तो फैसला आने के बाद अब अलबामा, जॉर्जिया, इंडियाना समेत अमेरिका के 24 राज्य गर्भपात पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। अमेरिका की एक बड़ी आबादी का मानना है कि गर्भपात उनका मौलिक अधिकार है और सुप्रीम कोर्ट उनसे यह अधिकार नहीं छीन सकता है।
हालांकि कोर्ट के फैसले के साथ ही अमेरिका में बवाल भी शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में महिलाएं सुप्रीम कोर्ट के सामने खड़े होकर प्रदर्शन कर रही हैं। हालांकि इसके अलावा एक वर्ग कोर्ट के इस फैसले को सेलिब्रेट भी कर रहा है। एंटी-एबॉर्शन कैंपेन चलाने वाले लोग सुप्रीम कोर्ट के बार बाहर भावुक होकर फैसले पर खुशी जता रहे हैं।