पंकज त्रिपाठी को लगता है कि उनकी ऐक्टिंग स्किल्स में उनकी आवाज का बड़ा रोल है। यही वह है कि दूसरी भाषा की फिल्म करने में सहज नहीं हैं। वह ऐसी फिल्म नहीं करेंगे जिसमें उन्हें दूसरी भाषा बोलनी पड़े

पंकज त्रिपाठी ने कई हिंदी फिल्मों में शानदार ऐक्टिंग और अलग-अलग बेहतरीन रोल किए हैं। उनका कहना है कि दूसरी भाषा की फिल्म करने का उनका कोई प्लान नहीं है। उन्होंने इसकी वजह भी बताई। पंकज का मनना है कि उनकी आवाज उनके अदाकारी में एक अहम भूमिका निभाती है। अगर वह अपनी आवाज का इस्तेमाल ठीक से नहीं कर पाए तो अपने किरदार के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। अगर वह ऐसी भाषा बोलें जो उन्हें आती नहीं तो ऐसा जरूर होगा।

नहीं चाहते कोई डब करे डायलॉग

पंकज त्रिपाठी का कहना है कि उन्हें डबिंग करना पसंद नहीं। ऐसा हो सकता है कि दूसरी भाषा की फिल्म में अगर कोई हिंदी बोलने वाला किरदार हो तो वह फिल्म कर सकते हैं। पीटीआई से बातचीत में पंकज त्रिपाठी ने बताया, फिल्म हो या वेब सीरीज मैं ऐसी भाषा बोलने में सहज नहीं हो पाता जो मुझे आती ही नहीं है। मैं इसके पक्ष में नहीं हूं कि मेरे डायलॉग्स कोई और डब करे। मेरी ऐक्टिंग और मेरे ऐक्सप्रेशंस मेरी आवाज पर सूट करते हैं। वर्ना मेरा रोल अधूरा रह जाएगा।

समझ लेते हैं पर बोल नहीं पाते बांग्ला

पंकज से जब पूछा गया कि क्या वह कभी बंगाली फिल्म में काम करेंगे, जिसे कि वह समझ सकते हैं? पंकज ने जवाब दिया कि बंगाली का ज्ञान इतना ज्यादा नहीं है। वह बोलते हैं, आमी आप्लो आप्लो बांग्ला जानी, भलोई बूझी किंतु भलोई बोलती पारी ना।  (मुझे थोड़ी थोड़ी बांग्ला आती है, समझता अच्छे से हूं लेकिन अच्छी तरह बोल नहीं पाता। यह बंगाली बोलने वाले किरदार के लिए पर्याप्त नहीं है। पंकज अगली फिल्म शेरदिल: द पीलीभीत सागा में नजर आएंगे। इसके डायरेक्टर सृजित मुखर्जी हैं जोकि बंगाली फिल्मों के लिए ही काम करते हैं।

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