इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (IPA) की छत्तीसगढ़ इकाई का गुस्सा गुरुवार को रायपुर AIIMS के खिलाफ भड़क उठा। संगठन से जुड़े फार्मासिस्ट सड़क पर उतर आए और AIIMS के बाहर प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए हैं। संगठन का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन अपनी मनमर्जी चला रहा है और बिना फार्मासिस्ट के नियमों के विरुद्ध काम कर हैं। संगठन की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि AIIMS प्रबंधन ने एक फार्मासिस्ट को नौकरी से निकाल दिया था।
रायपुर AIIMS के बाहर एकत्र हुए IPA से जुड़े फार्मासिस्ट ने मानव श्रृंखला बनाकर नारे बाजी की। सभी ने हाथ में रायपुर AIIMS के खिलाफ स्लोगन लिखे पोस्टर हाथ में ले रखे थे। संगठन के प्रदेश सचिव राहुल वर्मा ने कहा है कि अस्पताल में फार्मासिस्ट हैं ही नहीं। बिना उनके दवाओं का काम गैर पेशेवर स्टाफ के जिम्मे है। कई बार फार्मासिस्ट भर्ती की मांग कर चुके हैं, लेकिन रायपुर AIIMS के अफसर इस मांग पर ध्यान नहीं दे रहे।
फार्मासिस्ट को काम से निकाला गया
ये विरोध और हंगामा इस वजह से भी हुआ, क्योंकि संविदा पर काम कर रही फार्मासिस्ट को निकाल दिया गया। फार्मासिस्ट्स ने कहा कि AIIMS प्रबंधन इस मुद्दे पर बात की गई। भर्ती करने की बजाए यहां काम कर रही फार्मासिस्ट वंदना देवांगन को निकाले जाने का कोई उचित कारण भी नहीं था। संगठन के दबाव के चलते AIIMS के उप निदेशक ने निकाली गई कर्मचारी वंदना देवांगन को IPA से त्यागपत्र देने और संगठन के से माफीनामा लिखने पर दोबारा नौकरी पर रखने की बात कही।
ये हैं फार्मासिस्ट संगठन की मांगें
रायपुर AIIMS में फार्मासिस्ट की नियमित भर्ती करने, ड्रग इन्फ़र्मेशन सेंटर ( DIC ) शुरू करने एवं DIC में फार्मासिस्ट नियुक्त करने, फार्मेकोविजिलेंस विभाग शुरू करने , AIIMS परिसर में जन औषधी दवा दुकान खोले जाने की मांग की जा रही है। इस पर पिछले कई सालों से रायपुर एम्स के प्रबंधन और फार्मासिस्टों के बीच विवाद की दीवार बड़ी होती जा रही है।
रायपुर एम्स ने कहा भर्ती की प्रक्रिया चल रही आरोप सही नहीं
रायपुर एम्स प्रबंधन की तरफ से इस मामले में कहा गया कि ऐसा नहीं है कि यहां फार्मासिस्ट हैं ही नहीं। संविदा पर फार्मासिस्ट रखे गए हैं। भर्ती की प्रक्रिया के लिए भी जानकारी मंत्रालय को भेजी गई है। वहां से अप्रूवल मिलने के बाद भर्ती भी होगी। फार्मासिस्ट संगठन के राहुल वर्मा ने दावा किया है कि AIIMS रायपुर 2012 से स्थापित है। 9 साल हो चुके हैं, लेकिन आज तक स्वीकृत 40 फार्मासिस्ट संवर्ग के एक भी पद पर भर्ती नहीं हुई है।