राजगीत, शपथ के बाद विद्यार्थी क्षेत्रीय देवी-देवताओं की वंदना या स्थानीय लोकप्रिय लोकगीत गाएंगे। इसके बाद प्रेरक गीत अथवा प्रेरक कहानियां सुनाई जाएंगी। विद्यार्थियों को जागरूक रखने के लिए प्रतिदिन समाचार वाचन होगा। इसमें राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों के शीर्षक सुनाए जाएंगे। अंतिम में राष्ट्रगान होगा। प्रदेश के 56 हजार सरकारी स्कूलों के 60 लाख बच्चों के लिए यह नई व्यवस्था लागू होगी। गौरतलब है कि दो साल तक स्कूलों में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रार्थना सभा पर बैन लगा दिया गया था।
हर सप्ताह बदल जाएगा प्रार्थना मानिटर

 

 

प्रत्येक स्कूल में हर कक्षा से एक प्रार्थना मानिटर होगा, जो कि हर सप्ताह अनिवार्य यूनिट टेस्ट में सर्वाधिक अंक पाने वाला विद्यार्थी को बनाया जाएगा। यही विद्यार्थी प्रार्थना सभा को संचालित करेंगे। इसमें पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद प्रश्नों का प्रश्न बैंक बनाएगा। इसी तरह नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल प्रश्न बैंक तैयार करेगा। इसकी साफ्ट कापी शिक्षकों को भेजेंगे। इसी के आधार पर हर सप्ताह का यूनिट टेस्ट का प्रश्न पत्र तैयार होगा। विद्यार्थियों की कापियों को छह महीने तक स्कूलों में सुरक्षित रखा जाएगा। ताकि राज्य स्तर के अफसर दौरा करें तो इसकी जांच कर सकें।
शिक्षकों का बढ़ेगा ज्ञान

 

 

अधिकारियों की मानें तो प्रार्थना सभा में विद्यार्थियों को मंच दिया जाएगा, इससे उनके भीतर का हुनर और निखरेगा। अखबारों के शीर्षक वाचन से बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ेगा। स्थानीय लोकगीतों के माध्यम से वह अपनी कला-संस्कृ ति से परिचित होंगे। प्रतिज्ञा के माध्यम से बच्चों के भीतर राष्ट्रप्रेम की भावना को विकसित किया जा सकेगा। प्रतिदिन एक निर्धारित समय पर प्रार्थना होने से समय पर विद्यार्थी और शिक्षक दोनों स्कूल पहुंचेंगे।
एक समान लागू होगी प्रार्थना

 

 

छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सचिव डा. एस. भारतीदासन ने कहा, राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में एक समान प्रार्थना लागू करने के लिए प्रारूप तैयार किया गया है। 16 जून से पहले इसे लागू करने के लिए आदेश जारी कर दिया जाएगा।

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