West Bengal News: पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को एक विधेयक पारित किया गया। इसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ की जगह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य की ओर से संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने का प्रावधान किया गया है।

West Bengal News: बंगाल में राज्‍य विश्‍वविद्यालयों के चांसलर राज्‍यपाल के बजाय मुख्यमंत्री होंगी। इस बाबत पश्चिम बंगाल विधानसभा में आज सोमवार को एक विधेयक पारित किया गया। इसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ की जगह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य की ओर से संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने का प्रावधान किया गया है।

इस विधेयक को बीजेपी विधायकों के भारी विरोध के बीच पारित किया गया। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु ने पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय अधिनियम (संशोधन) विधेयक-2022 को सदन में पेश करने के बाद कहा कि मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने में कुछ भी गलत नहीं है।

 

उन्होंने सवाल किया, “अगर केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्वभारती के कुलाधिपति प्रधानमंत्री हैं, तो मुख्यमंत्री राज्य के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति क्यों नहीं हो सकती? आप पंछी आयोग की सिफारिशों का अवलोकन कर सकते हैं।” बसु ने आरोप लगाते हुए कहा, “राज्यपाल मौजूदा कुलाधिपति हैं, जिन्होंने कई मौकों पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।”

182 सदस्यों के समर्थन से पारित किया गया विधेयक

इस विधेयक को 294 सदस्यीय सदन में 40 मतों के मुकाबले 182 सदस्यों के समर्थन से पारित किया गया। बीजेपी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को कुलाधिपति नियुक्त किए जाने से राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में प्रत्यक्ष राजनीतिक हस्तक्षेप हो सकता है।

बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल ने आरोप लगाया, “राज्य सरकार सभी पर नियंत्रण चाहती है। मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति नियुक्त करने का फैसला राज्य की शिक्षा प्रणाली में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप की सहूलियत देने के लिए किया गया है।”

 

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