Rahul Gandhi ED Inquiry: नेशनल हेराल्ड प्रकरण से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ जारी है। वहीं कांग्रेस पार्टी के समर्थक देशभर में प्रदर्शन करके इसका विरोध कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने दिल्ली में प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी है।

राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की छवि धूमिल करने की कोशिश: अधीर रंजन

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी के साथ कांग्रेस की छवि धूमिल करने के लिए ये साजिश हो रही है लेकिन राहुल गांधी डरने वाले नहीं हैं। वो निडर होकर सभी सवालों के जबाव देंगे। जब राहुल गांधी दफ्तर में गए तो हमारी मांग थी कि वकील को अंदर जाने दिया जाए लेकिन जाने नहीं दिया गया।

सूत्रों के अनुसार नेशनल हेराल्ड मामले में ED में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ के दौरान एक उप निदेशक, एक संयुक्त निदेशक द्वारा एक सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी मौजूद हैं। धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 50 के तहत गांधी का बयान दर्ज किया जा रहा है।

कांग्रेस के प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस का जवाब

दिल्ली के स्पेशल सीपी सागर हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने हमें एक मीटिंग के बाद पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि 200 कांग्रेस नेताओं सहित वरिष्ठ नेताओं को कांग्रेस मुख्यालय जाने की इजाज़त दें। साथ ही 1000 कांग्रेस समर्थक को भी जाने की इजाजत दें। हुड्डा ने आगे कहा कि हमने उन नेताओं से कहा कि आप बड़े तौर पर प्रदर्शन करना चाहते हैं तो जंतर-मंतर आ सकते हैं। हमने 100 लोगों को वहां जाने की अनुमति दी। इसके अलावा बिना इजाजत के वहां पहुंचने वालों को हिरासत में लिया गया। ट्राफिक गाइडलाइन भी जारी कर दी गई थी।

ना महात्मा गांधी डरे थे और ना उनके उत्तराधिकारी डरेंगे: सुरजे वाला

हिरासत में लिए जाने के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजे वाला ने कहा कि गोडसे के वंशज एक बार फिर गांधी को डराने चले हैं, ना महात्मा गांधी डरे थे और ना उनके उत्तराधिकारी डरेंगे। अगर इस देश में अखबार के पत्रकारों की तनख्वाह देना, हाउस टैक्स देना, बिजली का बिल देना अपराध है तो हम ये अपराध बार-बार करेंगे। सुरजेवाला ने कहा कि कायर मोदी सरकार हमें गिरफ्तार करे और हमें आजीवन कारावास दे पर अंग्रेज भी हारा था और मोदी भी हारेगा।

अखबार के प्रकाशन के लिए एक ही परिवार को शेयर होल्डिंग दी गई: स्मृति

स्मृति ईरानी ने कहा कि एक कंपनी जो 1930 में गठित होती है उसका नाम एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड है। जिस पर अब गांधी परिवार का कब्जा है। इस अखबार के प्रकाशन के लिए एक ही परिवार को शेयर होल्डिंग दी गई और ये एक ही परिवार को इसलिए दी गई ताकि वे प्रकाशन न करें बल्कि रियल स्टेट का बिजनेस करें। स्मृति ने आगे कहा कि 2008 में इस कंपनी ने अपने ऊपर 90 करोड़ का कर्ज चढ़ा लिया था और फैसला किया कि अब ये कंपनी प्रोपर्टी के बिजनेस में उतरेगी। 2010 में 5 लाख रूपए से यंग इंडिया नाम की कंपनी बनी और राहुल गांधी इसमें निदेशक के रूप में इसमें सम्मिलित हुए। स्मृति ने कहा कि 75 फीसदी मात्र उनकी हिस्सेदारी थी बाकी उनकी माता जी, मोती लाल बोरा और ऑस्कर फर्नांडीज जैसे नेताओं के पास थी।

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