कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा के चलते आज जुमे को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। प्रदेश के पश्चिमी से लेकर पूर्वी हिस्सों तक कड़ी निगरानी रखी जा रही है। ऊपर ड्रोन नीचे पुलिस तैनात है।
पिछले जुमा यानी तीन जून को कानपुर में भड़की हिंसा के चलते इस जुमे पर पूरे यूपी में अलर्ट है। कानपुर से लेकर काशी, मथुरा, गोरखपुर, मेरठ, आगरा, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी और पूर्वी यूपी के तमाम शहरों में मस्जिदों के बाहर और संवेदनशील इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नज़र है। कहीं ड्रोन कैमरों की मदद से नज़र रखी जा रही है तो कहीं पुलिस गली-गली में गश्त कर रही है।
कानपुर में धारा-144 लागू है। उधर, कल शाम गोरखपुर दौरे पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने उपद्रवियों को दो टूक संदेश दिया कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को जुमे पर कड़े सुरक्षा इंतजामों का निर्देश देते हुए कहा कि खुद सुनिश्चित करें किसी को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
इस बीच कई शहरों में एक दिन पहले सोशल मीडिया पर जमीयत-उल-ओलामा-ए-हिन्द नामक संगठन के भारत बंद का असर देखने को मिल रहा है। वाराणसी के दाल मंडी, नई सड़क, पीली कोठी, मदनपुरा, बजरडिहा में करीब 70 फीसदी दुकानें दोपहर तक बन्द हैं। पुलिस अधिकारी क्षेत्र में लगातार घूम रहे हैं। अपर पुलिस आयुक्त क़ानून व्यवस्था सुभाष चन्द्र दुबे और एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय ने शुक्रवार को खुद चौक, बांसफाटक, दालमंडी, मदनपुरा में पैदल मार्च किया। संवेदनशील इलाकों पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है।
मथुरा में सुबह से पुलिस बल तैनात
मथुरा पुलिस ने भी जुमे की नमाज को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। शहर से लेकर देहात क्षेत्र में ईदगाह, जामा मस्जिद के अलावा कस्बों में भी मस्जिदों के आसपास पुलिस बल अलर्ट है। कस्बा महावन, राया, कोसीकलां आदि क्षेत्र में सुबह से ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बता दें कि इन क्षेत्रों में पुलिस के जवान गश्त कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। एसपी सिटी एसपी देहात के अलावा सीओ भी अपने-अपने क्षेत्र में पुलिस बल के साथ भ्रमण कर रहे हैं।
फिरोजाबाद के चूड़ी कारखानों में सन्नाटा
फिरोजाबाद में गुरुवार की रात को चस्पा किए पोस्टरों को देखते हुए आज मुस्लिम कारीगर चूड़ी कारखानों में नहीं पहुंचे। करीब 150 कारखाने बंद रहे। शुक्रवार को सुबह से ही चूड़ी कारखानों में चूड़ियां नहीं खनकी। शहर में माहौल के बिगड़ने की आशंका को लेकर उद्यमियों की धड़कनें तेज रहीं। मुस्लिम कारीगरों के नहीं पहुंचने के चलते 80 प्रतिशत कारखानों में काम नहीं लग सका।
बताया जा रहा है कि इस बंदी के चलते एक दिन में ही करोड़ों रुपयों का नुकसान हो गया है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीएम रवि रंजन, एसएसपी आशीष तिवारी सहित पूरा पुलिस प्रशासन लगातार शहर में भ्रमण करके जायजा ले रहा है। शहर के संवेदनशील इलाकों के ऊपर कैमरों से लैस ड्रोन उड़ रहे हैं। करबला, नगला बरी, रसूलपुर, थाना दक्षिण क्षेत्र, रामगढ़ क्षेत्र में लगातार ड्रोन कैमरों से छतों, गलियों पर नजर रखी जा रही है। कहीं भीड़ एकत्रित तो नहीं हो रही इस पर सबसे ज्यादा नजर है।
कानपुर में नमाज से पहले मार्च
कानपुर में जुमे की नमाज के पहले पुलिस कमिश्नर ने फोर्स के साथ संवेदनशील इलाकों में रूट मार्च कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि पूरे शहर में पुलिस अलर्ट पर है। एहतियात के तौर पर फोर्स लगाई गई है। शांतिपूर्वक जुमे की नमाज कराने की पूरी तैयारी कर ली गई है। पुलिस के सभी अधिकारी फोर्स के साथ मुस्तैद हैं। छतों पर फोर्स तैनात है। ड्रोन के जरिए संवेदनशील क्षेत्रों में पैनी नजर रखी जा रही है। उन्होंने नई सड़क यतीम खाना और आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया। कानपुर के नौबस्ता, कल्याणपुर,बाबूपुरवा, पटकापुर आदि क्षेत्रों में भी भारी फोर्स तैनात है।
राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री तक की मौजूदगी और रणक्षेत्र में बदल गया था कानपुर
कानपुर में 3 जून को जब हिंसा हुई उस वक्त वहां से चंद किलोमीटर की दूरी पर कानपुर देहात के गांव परौंख में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मंच पर मौजूद थे। पत्थरबाजी, बमबाजी और लाठीचार्ज से सड़कें रणक्षेत्र में बदल गईं। कथित तौर पर भाजपा नेता नुपुर शर्मा के एक बयान को लेकर हुई हिंसा ने कई सवाल खड़े कर दिए।