रूस-यूक्रेन युद्ध को 100 दिन पूरे होने के बाद यूक्रेन ने रूस के खिलाफ अलग-अलग देशों से समर्थन मांगने में जुटा है। यूक्रेन ने भारत से कहा है कि जंग खत्म होने के बाद वह यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी बने। यूक्रेन का आरोप है कि रूस यूक्रेन के अपने कब्जे वाले इलाकों से अनाज चोरी कर उसे गैर कानूनी तरीके से बेचने की कोशिश कर रहा है।
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध को 100 दिन हो गए हैं और यूक्रेन लगातार अलग-अलग देशों से रूस के खिलाफ समर्थन मांग रहा है। यूक्रेन ने भारत से कहा है कि जंग खत्म होने के बाद वह यूक्रेन के सुरक्षा की गारंटी बने। राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, यूक्रेन ने कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर इस बारे में भारत से संपर्क साधा है। यूक्रेन उम्मीद कर रहा है कि जंग के बाद बुनियादी सुविधाओं को फिर से पटरी पर लाने के काम में भी भारत मदद करेगा।
230 टन दवाएं, मानवीय मदद से जुड़ी भेज चुका है भारत
राजनयिक सूत्रों के मुताबिक, यूक्रेन के लिए पोस्ट वॉर सिक्योरिटी और पोस्ट वॉर कंस्ट्रक्शन- ये दोनों बेहद अहम मुद्दे हैं। साथ ही, दवाएं, तकनीकी और आर्थिक मदद की भी वह हमसे उम्मीद कर रहा है। अब तक भारत वहां 230 टन दवाएं और मानवीय मदद से जुड़ी अन्य चीजें भेज चुका है। इसमें सरकार के अलावा प्राइवेट कंपनियों से दी गई मदद भी शामिल है। दवा कंपनियों ने ही 7-8 मिलियन डॉलर की मदद भेजी है। ये ऐसी कंपनियां हैं, जिनके हेडक्वॉर्टर्स तो भारत में हैं, लेकिन दफ्तर यूक्रेन और पूर्वी यूरोप में।
यूक्रेन कह चुका है कि रूस ने उसके बंदरगाह भी ब्लॉक कर दिए हैं और समुद्री इलाकों में माइंस बिछा दी हैं। इस कारण से यूक्रेन समंदर के रास्ते अनाज निर्यात नहीं कर पा रहा। करीब 22 मिलियन टन अनाज बंदरगाहों पर अटका है और वह अफ्रीका और एशिया के कई देशों तक नहीं पहुंच सका। यूक्रेन का आरोप है कि रूस यूक्रेन के अपने कब्जे वाले इलाकों से अनाज चोरी कर उसे गैर कानूनी तरीके से बेचने की कोशिश कर रहा है। रूस का यह कदम दुनिया में अनाज संकट पैदा कर सकत है। यूक्रेन बार-बार कह रहा है कि रूस उसके बंदरगाहों को तुरंत खोले और तटीय इलाकों में बमबारी रोके।