Monkeypox virus outbreak: मंकीपॉक्स का वायरस एक से दूसरे में आसानी से फैल सकता है। यहां तक की मरीज के तौलिए और कपड़े से भी इसके फैलने की संभावना बनी रहेगी।

मंकीपॉक्स का वायरस केवल मरीज के लार या दानों के टच में आने से ही नहीं, बल्कि उसके कपड़े से भी फैल सकता है। ऐसे में जरूरी है कि मरीज के कपड़े धुलने में विशेष सावधानी बरती जाए। बता दें कि मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह ही होते हैं। इसलिए इसके तुरंत पकड़ पाना आसान नहीं होता जब तक की दाने शरीर में पर न उभर आएं।
विशेषज्ञों का कहना है कि मंकी पॉक्स से संक्रमित जानवरों के काटने से संक्रमण फैल सकता है। यह संक्रमित जानवरों के रक्त, बाल, प्लाज्मा से भी फैल सकता है। संक्रमित जानवर के मांस को सही तरीके से न पकाए जाने पर भी मंकी पॉक्स से संक्रमित होने की आशंका रहती है। उनका यह भी कहना है कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर, तौलिये से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
दानों को देखकर करें अंतर
मंकीपॉक्स स्मॉल पॉक्स, चिकनगुनिया, डेंगू के बीच आया है और खास बात ये है कि इन सभी के शुरुआती लक्षण बदन में दर्द, तेज बुखार, थकान और दाने निकलने जैसे ही नजर आते हैं। हालांकि मंकीपॉक्स में दाने बुखार आने के 5 से 21 दिन के भीतर कभी भी आ सकते हैं और ये चेहरे के साथ हथेली और पैर के तलवे तक में नजर आते हैं। कुछ मामलों में जनानांग में भी निकल जाते हैं। पानी वाले ये दाने दर्द भी देते हैं।

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