नई दिल्ली: अनिल बैजल ने दिल्ली के उप-राज्यपाल पद से इस्तीफा (Delhi Lieutenant Governor Resigns) दे दिया है। वो 31 दिसंबर 2016 को दिल्ली का उप-राज्यपाल बने थे। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी रहे अनिल बैजल को तब दिल्ली का एलजी बनाया गया था जब दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों को लेकर खींचतान चरम पर पहुंच गई थी। उस वक्त दोनों सरकारें दिल्ली की नौकरशाही पर अधिकारों को लेकर एक-दूसरे के आमने-सामने थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था।

ऐसी ही परिस्थिति में तत्कालीन उप-राज्यपाल नजीब जंग ने इस्तीफा दे दिया था। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 28 दिसंबर 2016 को नजीब जंग का इस्तीफा स्वीकार किया था और तीसरे दिन 31 दिसंबर को अनिल बैजल दिल्ली के 20वें उप-राज्यपाल बनाए गए थे। वो 1969 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं जो दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने प्रसार भारती और इंडियन एयरलाइंस जैसी सरकारी कंपनियों के शीर्ष पदों पर भी रहे थे। वर्ष 2004 में जब कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार केंद्र में बनी तब बैजल केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव थे। हालांकि, नई सरकार ने उन्हें इस पद से मुक्त कर दिया था।दिल्ली के उप-राज्यपाल के तौर पर अपने पूर्ववर्ती नजीब जंग के मुकाबले बैजल का लंबा कार्यकाल रहा है। जंग ने करीब साढ़े तीन वर्ष के कार्यकाल के बाद 22 दिसंबर 2016 को इस्तीफा दिया था जबकि जंग का कार्यका करीब पांच साल पांच महीने का रहा है। नजीब जंग का कार्यकाल आप सरकार के साथ भारी खींचतान के बीच बीता था और करीब-करीब यही हाल बैजल का भी रहा। बहरहाल, बैजल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपे अपने इस्तीफे में व्यक्तिगत कारण का हवाला दिया है।

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