राजस्थान भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत के बावजूद सियासी बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने एक बार फिर अपने सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा है।

राजस्थान भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत के बावजूद सियासी बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने एक बार फिर अपने सियासी विरोधियों पर जमकर निशाना साधा है। जयपुर में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की पुस्तक धरती पुत्र के विमोचन के दौरान वसुंधरा ने अपने हमलों को धारदार और प्रभावी बनाने के लिए शेरो-शायरी का सहारा लिया। वसुंधरा राजे ने कहा- “जिन पत्थरों को हमने दी थी धड़कने, उनको जुबान मिली थी तो हम पर ही बरस पड़े”। वसुंधरा राजे का संदेश था कि जिन लोगों को वह राजनीति में लेकर आई है।आज वो उनकी खिलाफत कर रहे हैं। उससे वो आहत होने वाली नहीं है।

राजे ने कहा कि भैरोंसिंह शेखावत कहा करते थे कि जिन लोगों के लिए आपने सबसे ज्यादा किया है। वक्त आने पर वहीं आपका साथ छोड़ देंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने 8 मार्च को अपने जन्मदिन पर गजेंद्र सिंह शेखावत और सतीश पूनिया का नाम लिए हुए उन पर जमकर निशाना साधा था। दोनों ही नेताओं ने वसुंधरा राजे के जन्मदिन कार्यक्रम से दूरी बना ली थी।

मेघवाल बोले- प्रदेश को वसुंधरा की जरूरत

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि उन्हें दो बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला है। अपने कार्यकाल के दौरान भैरों सिंह शेखावत के विचारों को आगे बढ़ाने का काम किया। भैरों सिंह शेखावत हाथ पकड़कर राजस्थान की राजनीति में नहीं लाते तो वह सीएम नहीं बन पाती। भैरों सिंह शेखावत ने हमेशा सिखाने का काम किया। इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि राजस्थान आज भी वसुंधरा की तरफ देख रहा है। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि भैरों सिंह शेखावत अपने विरोध कही हुई सच्ची बात को स्वीकार करते थे। शेखावत जातिवादी नहीं थे, लेकिन राजपूत होने पर गर्व करते थे। कार्यक्रम में वसुंधरा समर्थक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, विधायक अशोक लाहोटी, कालीचरण सर्राफ, पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत समेत बड़ी संख्या में पूर्व विधायक मौजूद रहे।

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