पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ की मुलाकात हुई थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि जाखड़ के बाद सिद्धू के खिलाफ भी पार्टी कोई ऐक्शन लेती है तो दोनों कांग्रेस से अलग होकर साथ आ सकते हैं।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सुनील जाखड़ के साथ खड़े हुए हैं। सिद्धू ने शनिवार को ट्वीट करके कहा कि ‘कांग्रेस को सुनील जाखड़ को नहीं खोना चाहिए। जाखड़ पार्टी के लिए अहम संपत्ति हैं। किसी भी मतभेद को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।’

दरअसल, कांग्रेस के चिंतन शिविर के बीच पंजाब से असंतुष्ट कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने शनिवार को पार्टी को अलविदा कह दिया। उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए इसकी घोषणा की। जाखड़ ने कांग्रेस आलाकमान पर आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद सीएम की नियुक्ति के मुद्दे पर पंजाब के एक खास नेता की बात सुनी जा रही है।

जाखड़ बोले- 50 साल तक कांग्रेस की सेवा करने के बाद…
सुनील जाखड़ ने कहा कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियों ने 50 साल तक कांग्रेस की सेवा करने के बाद “पार्टी लाइन पर नहीं चलने” के लिए “पार्टी के सभी पदों को छीन लिए” जाने पर उनका दिल टूट गया था। बता दें कि सुनील जाखड़ के साथ एक लंबी विरासत रही है, उनके पिता बलराम जाखड़ किसान नेता माने जाते थे। ऐसे में दोनों नेता साथ आकर एक नया मोर्चा भी बना सकते हैं।

मालूम हो कि पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ की मुलाकात हुई थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि जाखड़ के बाद सिद्धू के खिलाफ भी पार्टी कोई ऐक्शन लेती है तो दोनों कांग्रेस से अलग होकर साथ आ सकते हैं। दोनों नेता कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। एक तरफ सुनील जाखड़ पंजाब के बड़े हिंदू नेताओं में से एक रहे हैं तो वहीं नवजोत सिंह सिद्धू जाट सिखों के बीच लोकप्रिय चेहरा माने जाते हैं।

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