यूक्रेन पर हमले के बाद कई अंतराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे रूस ने भारत के साथ व्यापारिक लेन-देन का तरीका खोज निकाला है। खबर है कि रूस ने भारत को कच्चे तेल के बदले डॉलर या यूरो में पेमेंट का विकल्प दिया है। इसके अलावा रूस ने भारत से कहा है कि वो बाकी सभी वस्तुओं और सेवाओं के बदले रुपये-रूबल के एक्सचेंज रेट पर व्यापार करने को तैयार है। जानकारी के मुताबिक रशियन सेंट्रल बैंक के अधिकारियों और एसबर बैंक के प्रतिनिधियों ने मिलकर भारत में अपने समकक्ष अधिकारियों से पिछले हफ्ते इस संबंध में बात की है। इसके अलावा रूस के बैंक अधिकारियों की भारत के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से भी इस संबंध में बात हुई है।

गौरतलब है कि 24 फरवरी को रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से भारत और रूस के बीच जमकर व्यापार हो रहा है। वैश्विक दवाब की परवाह किए बिना भारत रूस से जमकर कच्चा तेल खरीद रहा है और बदले में रूस भी भारत को तेल पर भर भरकर डिस्काउंट दे रहा है। वैश्विक मंच पर भारत का साफ कहना है कि वो रूस के साथ व्यापार बंद नहीं कर सकते क्योंकि भारत रूस पर सैन्य साजो-सामान के लिए निर्भर करता है। ऐसे में जब चीन अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है तो भारत की भी रूस के हथियारों पर निर्भरता बढ़ गई है।

इस डील में अच्छी बात ये है कि रूस ने भारत को बाकी सामानों के लेन-देन के लिए रूपल और रूपये के बीच लेन-देन को मंजूरी दे दी है। अगर दोनों देश इस डील पर मान जाते हैं तो रूपये की अंतराष्ट्रीय बाजार में कीमत बढ़ेगी जिसका भारत की अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा पहुंचेगा। गौरतलब है कि भारत और रूस के बीच व्यापारिक घाटा 5 बिलियन डॉलर का है। इनमें से 3 बिलियन डॉलर का घाटा अकेले तेल से है। भारत की कोशिश है कि तेल के अलावा बाकी के दो बिलियन डॉलर के व्यापारिक घाटे को कम से कम किया जा सके।

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