यूपी के प्राइमरी स्कूल भले ही बायोमीट्रिक हाजिरी अभी तक लागू नहीं कर पाए हों लेकिन माध्यमिक स्कूलों में इस पर काम शुरू हो गया है। सभी स्कूलों को 100 दिन के अंदर इसे लागू करना है। वहीं हर सरकारी स्कूल में वाईफाई की व्यवस्था भी की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने प्रदेश भर के स्कूलों की वस्तुस्थिति के बारे में रिपोर्ट तलब की है।

इस रिपोर्ट के मिलने के बाद इसे लागू करने की कार्ययोजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री के सामने रखी गई 100 दिन की कार्ययोजना में स्कूलों की अपनी वेबसाइट और अपना ई-मेल आईडी भी बनाना होगा। इसे कैसे लागू किया जाएगा, इसमें कितने बजट की आवश्यकता है और किस तरह से बायोमीट्रिक हाजिरी की मॉनिटरिंग की जाए, इस पर कार्ययोजना बनाई जाएगी।

माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में अभी तक बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य नहीं है। कई बार विभाग ने कवायद शुरू की लेकिन कभी शिक्षक संगठनों के विरोध तो कभी बजट के अभाव में काम नहीं हो पाया। हालांकि प्रदेश के कुछ स्कूलों में उत्साही प्रधानायापकों या डीआईओएस के कारण बायोमीट्रिक हाजिरी का प्राविधान लागू किया गया है। शिक्षकों की हाजिरी प्रदेश में बड़ा मुद्दा रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पिछले कार्यकाल में इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। पिछले वर्ष इसके लिए कमेटी भी बनाई गई थी लेकिन इसकी रिपोर्ट पर भी कार्रवाई नहीं हो पाई।

बेसिक शिक्षा के स्कूलों में 2017 से बायोमीट्रिक हाजिरी लेने की योजना है। पहले सेल्फी से हाजिरी की योजना लागू की गई लेकिन शिक्षकों के विरोध के कारण सरकार को पीछे हटना पड़ा। वर्ष 2019 में टैबलेट के माध्यम से बायेामीट्रिक हाजिरी पर सहमति बनी लेकिन अभी तक टैबलेट खरीदे नहीं जा सके हैं।

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