आपके मन में भी यह सवाल जरूर उठा होगा कि भारत सरकार आपसे जो आयकर (Income Tax) और वस्तु एवं सेवा कर वसूलती है (GST) उसका खर्च आखिर करती कहां है? आपको बता दें कि भारत सरकार अपने सालाना खर्च के लिए प्रमुख रूप आयकर (Income Tax), वस्तु एवं सेवा कर (GST) और कर्ज पर निर्भर करती है। हम जो टैक्स देते हैं, वही भारत सरकार की आय होती है। भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) काफी तेजी से बढ़ रही है और विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत जैसे बड़े देश की वित्तीय जरूरतों को पूरी करना एक जटिल प्रक्रिया है। आइए, जानते हैं सरकार हमसे-आपसे जो इनकम टैक्स और जीएसटी वसूलती है, उसे किन जगहों पर खर्च करती है।
टैक्स से प्राप्त राशि कहां होती है खर्च?
Income Tax, GST या कहीं और से प्राप्त हुई राशि का खर्च भारत सरकार रक्षा, पुलिस, न्यायिक व्यवस्था, सार्वजनिक स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा जैसे आवश्यक खर्चों के लिए करती है। आप कहेंगे कि टैक्स वसूलने के बावजूद सरकार न तो फ्री मेडिकल सुविधाएं दे रही है और न ही सोशल सिक्योरिटी। यहां आपको अपना नजरिया थोड़ा व्यापक करना होगा। भारत सरकार नागरिकों के प्रति अपनी कई तरह की जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रही है जिनमें सरकारी अस्पतालों में इलाज (मामूला खर्च पर या बिल्कुल मुफ्त), शिक्षा (नगरपालिका और सरकारी स्कूलों में शिक्षा) आदि शामिल हैं। सरकार रसोई गैस भी रियायती दरों पर उपलब्ध कराती है या उस पर सब्सिडी देती है। हालांकि, टैक्स से प्राप्त होने वाली राशि का इस्तेमाल प्रमुख रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और बुनियादी ढांचा विकास पर किया जाता है। इसके अलावा, आपके ही द्वारा चुकाए गए टैक्स से सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाती है, जिनमें रोजगार से जुड़ी योजनाएं भी शामिल हैं। विभिन्न सरकारी और प्रशासनिक विभागों में लाखों कर्मचारी काम करते हैं, जिनका वेतन और अन्य खर्च सरकार आपके टैक्स के पैसों से वहन करती है। इसके अलावा, प्राप्तियों का एक बड़ा हिस्सा कर्ज का ब्याज चुकाने में भी जाता है।
आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि हमारी-आपकी तरह ही सरकार भी अपने खर्च पूरे करने के लिए कर्ज लेती है और इसके ब्याज का भुगतान करती है। वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार की कुल प्राप्तियों में टैक्स की हिस्सेदारी 44.37 फीसद थी। इसके अलावा, सरकार की प्राप्तियों (Receipt) में कर्ज की हिस्सेदारी 43.26 फीसद थी। सरकार की आय का एक हिस्सा गैर-कर स्रोतों और कैपिटल रिसीप्ट के जरिये भी आता है।