राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 24 घंटे में दूसरी बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने लालू को चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार मामले में जमानत दी थी। शनिवार को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम स्मिता राज ने बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को एक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में जमानत दी है। ऐसे में तेजस्वी-तेजप्रताप तो खुश हैं ही राजद में भी जश्न का माहौल है। अब जल्द ही लालू के बिहार आने का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल न्यायिक हिरासत में लालू का इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा है।

बताते चलें की विधानसभा चुनाव 2015 में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध चुनावी सभा में जातीय शब्द का प्रयोग किए जाने को लेकर गंगा ब्रिज थाना में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। प्राथमिकी राघोपुर के सीओ निरंजन कुमार ने दर्ज कराई थी। दर्ज की गई एफआइआर में 27 सितंबर 2015 को गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के तेरसिया गांव में विधानसभा चुनाव को लेकर आयोजित चुनावी सभा में जातीय शब्द का प्रयोग कर जातीय उन्माद फैलाने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में पुलिस ने उनके विरुद्ध 29 सितंबर 2015 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में उनके विरुद्ध पुलिस ने 04 अक्टूबर 2015 को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया था। जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध दर्ज मामले में त्वरित विचारण के लिए गठित न्यायालय में 11 फरवरी 2019 को उनके विरुद्ध संज्ञान लिया गया। इस मामले में पुलिस ने उन्हें रिमांड पर लेकर 18 अप्रैल 2022 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराया था। इस मामले में अधिवक्ता श्याम बाबू राय ने शनिवार को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम स्मिता राज के समझ जमानत अर्जी दाखिल की जिसे 10 हजार रुपये के मुचकले पर स्वीकार कर लिया गया।

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