जयपुर : गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से सचिन पायलट ने मुलाकात ( Sachin Pilot Meet To Soniya Gandhi ) की। मुलाकात के लगभग 3 घंटे बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Rajasthan CM Ashok Gehlot ) उस बात को रिकॉल किया, जो लगभग 21 महीने पुरानी हो गई। ऐसे में सवाल उठता है कि अशोक गहलोत पुरानी बातें याद कर क्या संदेश देना चाहते हैं? क्या गहलोत और पायलट में कुछ ठीक नहीं है या कांग्रेस आलाकमान की कोशिश राजस्थान में सफल होती नहीं दिखाई दे रही है।

दरअसल, पायलट से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) भी सोनिया से मुलाकात कर चुके हैं। राजस्थान के इन दोनों नेताओं की पार्टी आलाकमान से इन मुलाकातों को लेकर सियासी हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि पायलट को जल्द ही कांग्रेस पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

अफसरों के बीच सियासी संकट का जिक्र
जिस बात को गहलोत 21 महीने बाद रिकॉल किया, वहां कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था। सिविल सर्विसेज डे पर कल्चर इवेंट में अफसरों के सामने पायलट खेमे की बगावत का जिक्र कर गहलोत खूब तंज भी कसे। मेरे दिल में क्या है, वह जुबां पर ला रहा हूं। साल 2020 में जो सियासी संकट हुआ था, उस वक्त में हम लोग 34 दिन होटल में ठहरे थे। सुबह में जब हम होटल से आता तो कुछ सरकारी काम करता, फिर शाम में सियासी कार्यक्रम करते। उसके बाद क्राइसिस मैनेजमेंट पर काम करता था। क्राइसिस बड़ा था, आप सभी की दुआओं से बच गए। गहलोत ने आग कहा कि मैं लिखाकर लाया हूं, इसलिए तीसरी बार सीएम बना।

मेरी बॉडी लैंग्वेज से समझ जाते थे विधायक
गहलोत ने अधिकारियों के सामने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि उनकी जाति के 35 विधायक है, तो कहता 45। मैं कहता हूं कि मेरी जाति का राजस्थान में एक ही एमएलए है, वो मैं खूद ही हूं। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि सियासी संकट के बीच जब मैं रात में होटल जाता तो सभी विधायक मेरा इंतजार कर रहे होते थे। विधायक मेरी बॉडी लैंग्वेज से समझ जाते थे कि सरकार आ रही है कि जा रही है। उन्होंने कहा कि सियासी संकट के बीच 34 दिन तक सारे विधायक लालच के परवाह किए बिना मेरे साथ रहे। उस वक्त मेरे विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये के ऑफर दिए जाते थे।

क्या है सियासी मायने
ऐसा नहीं है कि गहलोत पहली बार सियासी संकट का जिक्र किया। इससे पहले भी कई मौकों पर सचिन पायलट खेमे की बगावत से पैदा हुए सियासी संकट का जिक्र कर चुके हैं। दरअसल, गुरुवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद रणनीति बदलाव के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि इस पर चर्चा हो रही है,जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष को फैसला लेना है।

पायलट के बयान के बाद गहलोत ने किया ‘रिकॉल’
नई दिल्ली में सचिन पायलय ने रणनीति बदलाव पर बयान दिया, ठीक उसके तीन घंटे बाद अशोक गहलोत ने सिविल सर्विसंज डे पर कल्चरल इवेंट में भाषण देते हुए बगावत को रिकॉल कर दिया। ऐसे में जानकार कहते हैं कि दोनों खेमों में शह मात का खेल चल रहा है और आने वाले दिनों में यह तेज हो जाएगा।

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