नई दिल्ली: गुजरात के साबरकांठा, आणंद-द्वारका, राजस्थान के करौली, मध्य प्रदेश के खरगोन, पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा, झारखंड के लोहरदगा-बोकारो के बाद अब दिल्ली में माहौल खराब करने की कोशिश की गई है। राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों की टेंशन के बीच दिल्लीवाले कल वीकेंड मूड में थे। हनुमान जयंती होने के कारण बजरंगबली के दरबार में भक्तों की भीड़ थी। लेकिन शाम होते-होते उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हिंसा (Jahangirpuri Riots) भड़क उठी। पता चला, हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी तभी पथराव होने के कारण हिंसा भड़क उठी। शाम करीब पौने 6 बजे पथराव हुआ और कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। जहांगीरपुरी के साथ-साथ कई अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर निशाना साधा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल शवों पर ‘गिद्ध राजनीति’ करते हैं और वे समाज में सौहार्द्र बिगाड़ना चाहते हैं। आइए जानते हैं कि दिल्ली में कल शाम आखिर कैसे माहौल बिगड़ा और शोभायात्रा में आतंक मचाने वाले उपद्रवी कौन थे? जिस तरह से देशभर में एक के बाद एक शहर में दो समुदाय आमने सामने आ रहे हैं उससे यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है?

यह घटना अचानक नहीं हुई, साजिश के तहत हुई है। पुलिस जांच करे और दोषियों को सख्त से सख्त सजा हो। जिन लोगों ने पत्थर फेंके हैं…जो भी दोषी हैं उनके घरों की भी चेकिंग हो। आईडी जांची जाए और देखा जाए कि घरों में हथियार तो नहीं है।

जहांगीरपुरी में सालों से लोग शांतिपूर्ण ढंग से रहते आ रहे हैं। छिटपुट तनाव की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं लेकिन इस तरह का बवाल नहीं हुआ था। यहां मंदिर से 50-60 मीटर की दूरी पर एक मस्जिद भी है। मंदिर से शोभायात्रा निकली थी और बताते हैं कि मस्जिद के सामने पहुंचने से पहले झगड़ा शुरू हुआ। पहले बातचीत हुई और फिर बात पत्थरबाजी तक पहुंच गई। उपद्रवियों ने बोतल और पत्थर फेंके तो भगदड़ और हिंसा भड़क उठी। एक पक्ष का कहना है कि विवाद झंडा लगाने को लेकर शुरू हुआ था। कुछ लोगों ने दावा किया है कि शोभा यात्रा के दौरान अफवाह फैला दी गई कि यात्रा निकाल रहे लोग सी-ब्लॉक की मस्जिद के सामने खड़े होकर नारे लगा रहे हैं। जिस समय शोभा यात्रा जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक स्थित कुशल सिनेमा के पास पहुंची, तभी पथराव शुरू हो गया।

पत्थर और बोतलें कहां से आईं?
यहां पतली-पतली गलियां हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में बोतलें और पत्थर कैसे पहुंचे। दरअसल, जिस जगह बवाल हुआ उसके दूसरी तरफ ही कबाड़ रखा होता है। वहीं से बोतलें खोजी गईं और उपद्रवियों ने हनुमान शोभायात्रा के साथ चल रहे लोगों पर पथराव किया। बताते हैं कि पत्थर के साथ-साथ ईंटें भी फेंकी गईं। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि हिंसा पर उतारू लोगों के हाथों में तलवारें, धारदार हथियार और पत्थर थे। उपद्रव के बीच फायरिंग के भी दावे किए गए। राहत की बात यह है कि कुछ ही घंटे में हालात को पूरी तरह से नियंत्रण में कर लिया गया।

9 आरोपी गिरफ्तार, 9 लोग घायल
जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार शाम हनुमान जयंती शोभा यात्रा निकाली जा रही थी तभी अचानक पत्थरबाजी से हिंसा, आगजनी शुरू हो गई। उपद्रवियों के चलते दो समुदायों के बीच तनाव फैल गया। एक दर्जन से अधिक गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। एक दुकान समेत कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस पर भी उपद्रवियों ने हमला किया। हिंसा में एक सब इंस्पेक्टर समेत दो पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। कई पुलिसकर्मी मामूली रूप से घायल हुए हैं। हिंसा में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुल 9 लोग घायल हुए हैं जिनमें 8 पुलिसकर्मी शामिल हैं।

शाह ने अस्थाना से तलब की रिपोर्ट
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे मामले में पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से रिपोर्ट तलब की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बातचीत की। साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जो भी दोषी हों, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सभी लोगों से अपील- एक दूसरे का हाथ पकड़कर शांति बनाए रखें। स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि हम पीस कमेटी के साथ बातचीत कर शांतिपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं और सभी से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।

दिल्ली में शोभायात्रा के दौरान हिंसा जहांगीरपुरी में पथराव और आगजनी की तस्वीरें सामने आई हैं। कई पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। आगजनी के बीच लोगों के सड़क पर भागने की डरावनी तस्वीरे हैं। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी अन्येश रॉय ने बताया कि यह हर साल हनुमान जयंती पर निकाला जाने वाला पारंपरिक जुलूस था। उन्होंने कहा, ‘जब जुलूस कुशल सिनेमा पहुंचा, तो दो समुदायों के बीच झड़प हो गई। पथराव भी किया गया। जुलूस के साथ तैनात पुलिसकर्मियों ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में किया लेकिन पथराव के कारण, कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।’

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