राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है। रविवार को कोल्हापुर में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वह भाजपा विरोधी मोर्चे का नेतृत्व नहीं करेंगे और न ही यूपीए के अध्यक्ष बनने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा के खिलाफ विभिन्न दलों के किसी भी मोर्चे का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी नहीं लेने जा रहा हूं।”

राकांपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र में भाजपा को विकल्प बनने से कांग्रेस को खारिज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे उस स्थिति में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं है। मैं इसमें नहीं पड़ने वाला हूं। मैं वह जिम्मेदारी नहीं लूंगा। दरअसल, एनसीपी की युवा शाखा ने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनने के लिए कहा था।

‘कांग्रेस की पूरे भारत में मौजूदगी…’
पवार ने कहा कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर (भाजपा को) एक विकल्प देने का प्रयास किया जाता है तो वह किसी भी ब्लॉक को सहयोग, समर्थन और मजबूत करने के लिए तैयार हैं। भाजपा के खिलाफ मोर्चा चलाने में कांग्रेस की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूरे भारत में मौजूदगी है, भले ही फिलहाल ग्रैंड ओल्ड पार्टी सत्ता में नहीं है। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि देश के हर गांव, जिले और राज्य में आपको कांग्रेस के कार्यकर्ता मिल जाएंगे। वास्तविकता यह है कि कांग्रेस की व्यापक उपस्थिति है।

‘जबरन वसूली के लिए ED का इस्तेमाल करने का आरोप’
भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि आरोप लगाए गए हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) का इस्तेमाल जबरन वसूली के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि छापे से पहले और बाद में सुलह (ईडी अधिकारियों के साथ) के बारे में बातचीत चल रही है। अगर यह सच है और सरकार एजेंसी पर लगाम नहीं लगा रही है, तो केंद्र को जवाब देना चाहिए।

‘हर दूसरे दिन ईंधन की कीमतें बढ़ाई जा रही’
शरद पवार ने कहा कि देश में महंगाई एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में हर दूसरे दिन ईंधन की कीमतें बढ़ाई जा रही हैं, जो न केवल आम लोगों के वित्त को प्रभावित कर रही है, बल्कि मूल्य वृद्धि व परिवहन की उच्च लागत में भी योगदान दे रही है। उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पहले ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई थी, लेकिन अब उन्हें हर दिन बढ़ाया जा रहा है। यह एक बड़ा मुद्दा है लेकिन सरकार दूसरी तरफ देख रही है।”

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