जानकारी के मुताबिक के पिछले साल एलएनजेपी अस्पताल ने मई महीने में कोरोना काल के दौरान मैन पावर कम होने के चलते 300 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए रिक्रूटमेंट निकाली थी.

कोरोना की तीसरी लहर के दौरान पिछले साल मई में दिल्ली के सबसे बड़े कोविड अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश में 300 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ की अस्थायी भर्ती कराई गई थी, जिन्हें अस्पताल के साथ-साथ रामलीला मैदान में दिल्ली सरकार की ओर से बनाए गए कोविड सेंटर और अलग-अलग ड्यूटी पर लगाया गया था, लेकिन अब इन 300 नर्सिंग स्टाफ में से 93 नर्सिंग स्टाफ को अस्पताल प्रशासन ने बिना किसी नोटिस के बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

जानकारी के मुताबिक के पिछले साल एलएनजेपी अस्पताल ने मई महीने में कोरोना काल के दौरान मैन पावर कम होने के चलते 300 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए रिक्रूटमेंट निकाली थी जिसमें पहले 250 नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई थी जिसके बाद पिछले साल अक्टूबर के महीने में 50 नर्सिंग स्टाफ की और भर्ती की गई, और इस नर्सिंग स्टाफ को एलएनजेपी अस्पताल के साथ-साथ रामलीला मैदान और अलग-अलग को कोविड सेंटर पर ड्यूटी पर लगाया गया. रामलीला मैदान में बना कोविड सेंटर जो कि एलएनजेपी अस्पताल का ही एक हिस्सा है. इसीलिए एलएनजेपी की ओर से जो नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई थी उन्हें वहां पर ड्यूटी पर लगाया गया.

जिसमें से 93 नर्सिंग स्टाफ को रामलीला मैदान में बनाए गए कोविड सेंटर ड्यूटी पर लगाया गया जहां पर कोरोना की तीसरी लहर के दौरान सभी नर्सिंग स्टाफ में एक कोविड वारियर के तौर पर काम अपनी सेवाएं दी, लेकिन 3 मार्च 2022 को सभी 93 नर्सिंग स्टाफ जो रामलीला मैदान में वर्किंग था उन्हें एक व्हाट्सएप मैसेज जरिए कहा गया कि आपकी सेवाएं आगे जारी नहीं रहेंगी, आपको कल से आने की जरूरत नहीं है. क्योंकि कोरोना अब खत्म हो गया है इसीलिए उन लोगों की आवश्यकता नहीं है. नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उन्हें टर्मिनेशन को लेकर कोई भी आधिकारिक लेटर नहीं दिया गया, ना ही उन्हें इसको लेकर पहले से कोई नोटिस भेजा गया, अचानक से ही 93 नर्सिंग स्टाफ को अस्पताल ने नौकरी से निकाल दिया.

दिल्ली के रामलीला मैदान में बनाए गए कोविड सेंटर में पिछले 11 महीनों से काम कर रहे नर्सिंग स्टाफ गौरव यादव ने एबीपी न्यूज को बताया कि पिछले साल मई के महीने में एलएनजेपी अस्पताल में 300 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था, जिसमें से 150 नर्सिंग स्टाफ की भर्ती पहले कर ली गई और करीब 12 मई को 98 नर्सिंग स्टाफ की भर्ती हुई और 14 मई से उस नर्सिंग स्टाफ में अपनी सेवाएं देना शुरू किया, इस नर्सिंग स्टाफ को रामलीला मैदान में अलग-अलग ड्यूटी पर लगाया गया. वैक्सीनेशन से लेकर कोरोना के मरीजों की देखरेख को लेकर हमने काम किया, जिसमें से 5 नर्सिंग नर्सिंग स्टाफ अपनी जॉब छोड़ कर अन्य जगहों पर चले गए और फिर 93 नर्सिंग स्टाफ ने रामलीला मैदान में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान काम किया.

नर्सिंग स्टाफ गौरव यादव ने बताया कि रामलीला मैदान में मरीजों की संख्या कम हो जाने के बाद 93 नर्सिंग स्टाफ में से 45 नर्सिंग स्टाफ हो अस्पताल में ही अलग-अलग वार्ड में सेवाएं देने के लिए ड्यूटी पर लगाया गया, और 35 नर्सिंग स्टाफ को वैक्सीनेशन सेंटर पर भेज दिया गया. वहीं 13 नर्सिंग स्टाफ को रामलीला मैदान में ही जो कुछ मरीज बचे थे वहां पर ही रखा गया था, लेकिन 3 मार्च को कुल मिलाकर इन सभी 93 नर्सिंग स्टाफ को बिना किसी नोटिस के अस्पताल प्रशासन ने टर्मिनेट कर दिया.

जिसके लिए उन्हें प्रतिदिन ₹2000 मानदेय दिया जाता था उन्होंने बताया कि जब अस्पताल की ओर से नर्सिंग स्टाफ की भर्ती निकाली गई, तो उसमें नर्सिंग स्टाफ की कमी को देखते हुए 300 से ज्यादा लोगों की भर्ती हुई और मई के बाद पिछले साल अक्टूबर में भी 50 से नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई लेकिन अब जब कोरोना के मामले कम हो गए हैं हालात सामान्य हो गए हैं तो हमें बिना किसी नोटिस के बिना किसी लेटर के अस्पताल प्रशासन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

रामलीला मैदान में 93 स्टाफ काम कर रहे थे

नर्सिंग स्टाफ की ओर से कहा गया कि केवल उन्हीं लोगों को निकाला गया है जो कि रामलीला मैदान में 93 स्टाफ काम कर रहे थे जबकि जो नर्सिंग स्टाफ एलएनजेपी अस्पताल या अन्य वैक्सीनेशन सेंटर पर काम कर रहा है, उन्हें अभी नहीं निकाला गया है. नर्सिंग स्टाफ ने एबीपी न्यूज़ को बताया अपनी समस्या को लेकर उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री समेत हेल्थ सेक्रेटरी को पत्र लिखा है. और यह टर्मिनेशन वापस लिए जाने की मांग की है. वही एबीपी न्यूज़ ने जब एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार से इस टर्मिनेशन को लेकर बात की, तो उन्होंने कहा कि सभी नर्सिंग स्टाफ की भर्ती कोरोना ड्यूटी के लिए हुई थी और अब जब कोरोना लगभग खत्म हो गया है और रामलीला मैदान को भी इसी महीने मार्च में 3 तारीख को बंद कर दिया गया है, तो इसीलिए वहां काम कर रहे स्टाफ को हटाया गया है.

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