छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति समाज को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और कैबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के नेतृत्व में विशेष प्रयास किए जा रहे है। श्री अकबर की अनुशंसा से बैगा समाज के समाजिक भवन के लिए 20 लाख रूपए तथा सामुदायिक भवन का विस्तार, उन्न्यन कार्य के लिए कुल 21 लाख 64 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने बैगा सामाज के सामुदायिक भवन के लिए राशि स्वीकृति प्रदान करते हुए वर्क आर्डर जारी कर दिया गया। लोकनिर्माण विभाग को कार्य एंजेसी बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि कैबनेट मंत्री तथा कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने पिछले 12 मार्च को कवर्ध के समीप सैगोना में बैगा समाज का समाजिक भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया है। महज 12 दिनों में सामुदायिक भवन के लिए 21 लाख 64 हजार 700 रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जिला प्रशासन द्वारा जारी कर वर्क आर्डर भी जारी कर दिया गया है। सामुदायिक भवन के लिए कार्यादेश जारी होने पर बैगा समाज के वरिष्ठजन बैगा समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री ईतवारी बैगा, बैगा विकास अभिकरण अध्यक्ष श्री पुशुराम बैगा, बैगा विकास अभिकरण पूर्व अध्यक्ष श्री लमतु बैगा, जनपद सदस्य श्री बृजलाल बैगा, बैगा समाज जिलाध्यक्ष श्री कामू बैगा, उप सरपंच ग्राम पंचायत लूप श्री दसरू बैगा, सरपंच कुकरापानी श्री मोतीलाल बैगा, पूर्व सरपंच तुलसी बैगा, तितरा बैगा,तीजल बैगा,सुकलाल बैगा,तारा बैगा, सोनासिह बैगा, कुम्हार बैगा पिसिलाल बैगा,गहरु बैगा सोना बैगा,रतन बैगा सरपंच पति चौरा भोरमदेव, केवल बैगा,जेठू बैगा,गंगू बैगा, नवल बैगा, झाम सिंह बैगा,मोतेसिंह बैगा,दसरू बैगा, राज कुमार,कार्तिक बैगा, साहेब बैगा,सहित समाज के अन्य वरिष्ठजनों ने कैबिनेट मंत्री श्री अकबर के प्रति आभार व्यक्त किया है।

बैगा समाज के प्रदेशाअध्यक्ष श्री इतवारी बैगा ने बताया कि वन, परिवहन, आवास विधि, एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के प्रयासों से प्रदेश के नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों की संस्कृति, और उनके सरंक्षण और संवर्धन के साथ-साथ समाज को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए गई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है। छत्तीसगढ़ राज्य में पांच विशेष पिछड़ी जनजातियां बैगा, अबूझमाड़िया, कमार, पहाड़ी कोरबा और बिरहोर निवासरत है। इन सभी विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में विशेष अभिकरण का गठन किया गया है। विशेष पिछडी जनजातियों की कला-संकृति और उनके वेश-भूषा की महत्व को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे है। बैगा बोली और भाषा की विशेषता और महत्व को बनाए रखने के लिए बैगानी भाषा में पाठ्यपुस्तक का प्रकाशन किया गया है। अब यहां के बच्चे अपनी भाषा में भी पुस्तक का अध्ययन कर रहे है। प्रदेश में निवासरसत विशेष पिछडी जनजातियों को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार प्रतिबद्ध है और के लिए ठोस निर्णय भी लिए जा रहे है। आने वाले समय में यह पिछड़ी जनजातियां विकास और शिक्षा से जुड़ेगे। कबीरधाम जिला पहला जिला है जहां बैगा समाज के पढे-लिखें सौकड़ों शिक्षित युवक-युवतियों को शाला संगवारी के रूप में चयन कर रोजगार से जोड़ा गया है। राज्य सरकार की नीति के परिणाम है कि आज बैगा समाज के युवक-युवतियां स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे है।

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